बारसू रिफाइनरी प्रोजेक्ट पर राजनीति गरमाई, ठाकरे और फडणवीस में बयानबाजी

मुंबई : रत्नागिरी जिले के राजापुर तहसील में प्रस्तावित बारसू रिफाइनरी प्रोजेक्ट को लेकर राजनीति गरमाती जा रही है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे रिफाइनरी को लेकर दोहरी भूमिका अपना रहे हैं, जबकि इससे पहले खुद उद्धव ठाकरे ने इस प्रोजेक्ट के लिए पत्र लिखा था। उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने पत्र लिखा था, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि किसानों की बात बिना सूने जबरन उनकी जमीन ले ली जाए। वे 6 मई को बारसू जाएंगे और किसानों की बात सुनेंगे।

रत्नागिरी के जिलाधिकारी ने बीती रात स्वाभिमानी शेतकरी (किसान) संगठन के नेता और पूर्व सांसद राजू शेट्टी के रत्नागिरी जिले में 31 मई तक प्रवेश पर रोक दी है। साथ ही राजू शेट्टी पर बारसू परियोजना को लेकर किसी तरह के बयान या सोशल मीडिया में पोस्ट, फोटो या वीडियो प्रदर्शित करने पर भी रोक लगा दी गई है। राजू शेट्टी ने मंगलवार को कहा कि वे किसी नोटिस को नहीं मानते। देश में जहां भी किसानों पर अन्याय होगा, वह वहां जाएंगे। उद्योग मंत्री उदय सामंत ने बताया कि बारसू रिफाइनरी प्रोजेक्ट के लिए वे समर्थकों और विरोधियों से चर्चा कर रहे हैं। इस समय रिफाइनरी प्रोजेक्ट के लिए मिट्टी की जांच की जा रही है, जिसके बाद ही यहां रिफाइनरी लगाने का निर्णय हो सकता है।

दरअसल, बारसू रिफाइनरी प्रोजक्ट का विरोध पिछले सप्ताह ग्रामीण जनता ने किया था। उस समय पुलिस ने 201 विरोधियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से इस मामले को लेकर राजनीति तेज हो गई है। शिवसेना नेता संजय राऊत ने आज पत्रकारों को बताया कि बारसू में किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। इसलिए उद्धव ठाकरे 6 मई को सुबह बारसू जाकर किसानों से मिलेंगे और इसके बाद वे शाम को महाड में जनसभा को संबोधित करेंगे। संजय राऊत ने आरोप लगाया कि बारसू रिफाइनरी प्रोजेक्ट सऊदी अरब के राजपुत्र की है और इस रिफाइनरी के लिए अरबों रुपये का लेनदेन किया गया है। इसी वजह से सरकार किसानों पर पुलिस अत्याचार करवा रही है। शिवसेना हमेशा किसानों के साथ रहने वाली है।

Check Also

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस नेता की हत्या के बाद भड़की हिंसा, टीएमसी नेता के पास से पिस्टल बरामद

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में कांग्रेस के एक स्थानीय नेता की हत्या के बाद …