
News India Live, Digital Desk: Political implications : लोकसभा चुनाव में धमाकेदार जीत के बाद, अब कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के वायनाड सीट से जीत पर सवाल उठने लगे हैं। केरल हाईकोर्ट ने उन्हें समन जारी कर दिया है। यह समन उनकी जीत को चुनौती देने वाली एक याचिका के संदर्भ में है, जिसने अब इस पूरे मामले को एक नया कानूनी मोड़ दे दिया है।
यह याचिका दो अधिवक्ताओं – के. श्रीधरन और के. आर. ससिकुमारन – ने दायर की है। उनकी दलील है कि प्रियंका गांधी के भाई और वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने अपनी सीट से इस्तीफा देने में ‘रणनीतिक देरी’ की। दरअसल, राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में अमेठी के रायबरेली और वायनाड दोनों सीटों से चुनाव जीता था। नियमों के अनुसार उन्हें एक सीट छोड़नी थी, जिसके लिए उन्हें एक निश्चित समय-सीमा दी गई थी। उन्होंने रायबरेली सीट को चुना और वायनाड सीट को बाद में छोड़ा।
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि राहुल गांधी ने जानबूझकर वायनाड सीट से अपना इस्तीफा देर से दिया ताकि चुनाव आयोग को वहां उपचुनाव की अधिसूचना जारी करने के लिए पर्याप्त समय न मिले। ऐसा करने का कथित मकसद प्रियंका गांधी को फायदा पहुंचाना था, क्योंकि अगर पहले अधिसूचना आ जाती, तो हो सकता है वे किसी और सीट पर व्यस्त होतीं या उनका मुकाबला कठिन होता। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि वायनाड से राहुल गांधी के इस्तीफे और फिर प्रियंका के चुनाव लड़ने का तरीका चुनाव नियमों के खिलाफ था, जिससे चुनाव में प्रियंका गांधी को एक ‘गैर-न्यायोचित’ लाभ मिला।
केरल हाईकोर्ट ने अब इन दलीलों पर संज्ञान लेते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा को समन जारी कर दिया है। देखना होगा कि प्रियंका गांधी इस कानूनी चुनौती का कैसे सामना करती हैं और वायनाड से उनकी जीत का भविष्य क्या होता है। यह घटनाक्रम निश्चित रूप से राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ देगा।
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