जयपुर, 13 मई (हि.स.)। पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से तेलंगाना में भाषण देने के दौरान कांग्रेस की ओर से अडानी और अंबानी से रुपये लेने के बयान को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका पेश की गई है। पूनम चंद भंडारी की ओर से दायर इस याचिका पर हाईकोर्ट आगामी दिनों में सुनवाई करेगा। याचिका में गृह मंत्रालय, निर्वाचन आयोग, सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग को पक्षकार बनाया गया है।
याचिका में कहा गया कि गत 8 मई को पीएम नरेंद्र मोदी ने भाषण के दौरान कांग्रेस पर आरोप लगाया था। याचिका में कहा गया कि पीएम मोदी ने भाषण के दौरान कहा कि कांग्रेस पांच साल अडानी, अंबानी का नाम लेती रही है, लेकिन अब उनका नाम लेना बंद कर दिया है। शहजादे घोषित करें कि चुनाव में अंबानी, अडानी से कितना माल उठाया है। टैंपो भरकर नोट कांग्रेस के पास पहुंचे हैं क्या? आपने रातों रात अंबानी, अडानी को गाली देना बंद कर दिया है। जरूर दाल में कुछ काला है। इनको रातों रात गालियां देना बंद हुआ है, मतलब कोई न कोई चोरी का माल टैंपो भर-भर कर आपने पाया है। ये जवाब देना पडेगा देश को। याचिका में कहा गया कि याचिकर्ता को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि दोनों उद्योगपतियों ने इतना पैसा कांग्रेस को दिया है। पीएम मोदी ने सार्वजनिक रूप से भाषण देते हुए यह आरोप लगाए हैं। वे देश के प्रधानमंत्री हैं, ऐसे में उनकी बात पर अविश्वास नहीं किया जा सकता। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने आठ मई को ही मुख्य निर्वाचन आयुक्त और सीबीआई को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं हुई।
याचिका में गुहार की गई है कि गृह मंत्रालय को भ्रष्टाचार निरोधक कानून और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज कर जांच के निर्देश जाए। इसके अलावा आयकर विभाग को भी मामले में कार्रवाई करते हुए अडानी, अंबानी और कांग्रेस पार्टी के परिसर की जांच के आदेश दिए जाए। इसके अलावा आवश्यक कार्रवाई करते हुए जरूरत पडने पर पीएम नरेंद्र मोदी और अडानी, अंबानी से भी पूछताछ की जाए।