एएनपीआर कैमरे के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए : मुख्यमंत्री

देहरादून, 09 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को सचिवालय से परिवहन विभाग की ओर से तैयार ऑटोमैटिक नम्बर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम (एएनपीआर) का शुभारंभ करते हुए कहा कि इससे प्रदेश के प्रमुख मार्गों में यातायात के नियमों के अनुपालन और ऑनलाइन मॉनिटरिंग करने में सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही एएनपीआर कैमरे के बारे में लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए।

इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यातायात के नियमों के पालन और सड़क सुरक्षा की दृष्टि से यह एक अच्छी शुरूआत है। एएनपीआर कैमरे लगने से लोग यातायात के नियमों का पालन भी करेंगे।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि एएनपीआर कैमरे के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए। इस कैमरे में अभी शुरुआती चरण में जो लोग यातायात के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं,उनको चेतावनी के एसएमएस भेजे जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एएनपीआर कैमरे लगाने की जहां भी आवश्यकता पड़ रही है। स्थानों का चयन कर वहां इसकी सुविधा उपलब्ध कराई जाय। एएनपीआर कैमरे लगने से जीएसटी और अन्य विभागों को भी मदद मिलेगी और कर चोरी की रोकथाम भी इससे संभव होगी। इससे जहां चेकपोस्टों पर जाम से निजात मिलेगी,आवागमन भी सरल होगा। इस व्यवस्था के प्रारम्भ होने से वाहन दुर्घटनाओं को रोकने में भी मदद मिलेगी।

सचिव परिवहन अरविन्द सिंह ह्यांकी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि मोटर यान अधिनियम, 1988 में संशोधन करते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय,भारत सरकार की ओर से वाहनों की इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग किये जाने की व्यवस्था की गई है। उत्तराखंड में राज्य की सीमा पर स्थापित सभी चैक पोस्टों को समाप्त कर दिया गया है। राज्य में इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग व्यवस्था लागू करने के लिए प्रथम चरण में राज्य की सीमा पर एएनपीआर स्थापित करने की योजना बनाई गई है, जिसके लिये राज्य सड़क सुरक्षा कोष से 4.61 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है।

सचिव परिवहन ने बताया कि योजना के अन्तर्गत एएनपीआर पोर्टल से प्राप्त डाटा को जीएसटी विभाग को उपलब्ध कराने के इन्टीग्रेशन की कार्रवाई प्रारम्भ कर दी गई है, जबकि अन्य विभागों खनन, आबकारी, पर्यटन, शहरी विकास, वन विभाग तथा पुलिस के साथ इन्टीग्रेशन किया जाना भी प्रस्तावित है ताकि एक ही माध्यम से प्राप्त डाटा का सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा उपयोग किया जा सके। इस व्यवस्था को पूर्णतः आटोमेटेड बनाया गया है। इसके लिए एएनपीआर कैमरे के लिए तैयार सॉफ्टवेयर का इन्टीग्रेशन वाहन पोर्टल और ई-चालान पोर्टल से किया गया है। इससे वाहन की नम्बर प्लेट के आधार पर चालान स्वतः जेनरेट हो सकेंगे, जिसमें मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा।

इस मौके पर प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक,आयुक्त राज्य कर डॉ.अहमद इकबाल,निदेशक आईटीडीए नितिका खण्डेलवाल और संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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