पाकिस्तान में जारी सियासी घमासान के बीच मंगलवार को एक अजीबोगरीब वाकया सामने आया है। यहां इमरान खान की पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री फवाद चौधरी कार से उतरे और पुलिस को सामने देखकर भाग गए.

चौधरी के साथ उनके वकील भी दौड़े और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय भवन पहुंचने पर सभी ने राहत की सांस ली. दरअसल चौधरी जैसे ही हाईकोर्ट से बाहर निकले तो उन्होंने देखा कि पुलिस उनकी कार की ओर बढ़ रही है. घबराए फवाद के पास गिरफ्तारी से बचने का कोई और तरीका नहीं सूझ रहा था।
9 और 10 मई को इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों ने देश के कई हिस्सों में तोड़फोड़ की और आगजनी की। इसके बाद से पुलिस कई नेताओं की तलाश कर रही है। फवाद चौधरी उनमें से एक हैं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
फवाद को नौ और 10 मई को हुई हिंसा के सिलसिले में दो दिन पहले पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उस पर पीटीआई कार्यकर्ताओं को हिंसा के लिए उकसाने का आरोप है। दो दिन पुलिस हिरासत में रहने के बाद फवाद को मंगलवार को ही हाईकोर्ट में पेश किया गया था। यहां से उन्हें एक मामले में जमानत मिली थी।
जमानत मिलने के बाद फवाद चौधरी अपने वकीलों के साथ हाईकोर्ट से बाहर आए और कार में बैठ गए. इस बीच मीडिया ने उनसे बात करनी चाही लेकिन चौधरी ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. इस बीच उनके वकीलों ने कहा- चौधरी साहब को अभी जमानत मिली है, वे बहुत थके हुए हैं और बाद में मीडिया से बात करेंगे. फवाद की कार के पीछे उनका परिवार भी सवार था.

फवाद आगे की सीट पर थे और उनके वकील पीछे की सीट पर बैठे थे. जब कार कुछ कदम आगे बढ़ी तो फवाद घबरा गए और ड्राइवर से रुकने को कहा। फिर उसने कार का गेट खोला और तेजी से भागने लगा। फवाद के पीछे उनके वकील भी दौड़े। वकीलों ने दौड़ा कर कहा- चौधरी साहब हाई कोर्ट… उसके बाद सब अंदर चले गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चौधरी कई घंटे बाद भी हाईकोर्ट भवन में मौजूद थे.
हाईकोर्ट की बिल्डिंग के अंदर मिले फुटेज में देखा जा सकता है कि फवाद कैसे लंगड़ा रहा है और उसका वकील आसपास के लोगों से पानी लाने को कह रहा है. दरअसल, जमानत के बाद जैसे ही फवाद हाईकोर्ट से बाहर आए, वह कार में बैठ गए। इसी दौरान उनकी कार के आगे एंटी टेरर स्क्वॉड की कार आकर रुकी। कुछ पुलिसकर्मी फवाद की कार की ओर बढ़ गए। फवाद समझ गया कि उसे गिरफ्तार किया जा रहा है।
इमरान खान को 9 मई को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बायोमेट्रिक्स रूम से गिरफ्तार किया गया था। 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया और आदेश दिया कि पाकिस्तान की किसी भी अदालत के अंदर किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाएगी। इसलिए फवाद ने हाईकोर्ट के अंदर दौड़ना ही सही समझा।