गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने 2024 के पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। इस बार भी देश के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले गुमनाम नायकों को इन प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया है। इस सूची में कला, समाजसेवा, स्वास्थ्य, साहित्य, और खेल के क्षेत्र से जुड़े कई प्रेरणादायक व्यक्तित्व शामिल हैं।
लोकगायिका बतूल बेगम:
जयपुर की रहने वाली बतूल बेगम, मुस्लिम समुदाय से होते हुए भी भगवान गणपति और श्रीराम के भजन गाकर सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देती हैं। वह लोक संगीत और वाद्य यंत्रों में भी पारंगत हैं।
जोनास मसेती (विश्वनाथ):
ब्राजील के अध्यात्मिक गुरु जोनास मसेती को वेदांत और भगवद्गीता के प्रचार-प्रसार के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
हरविंदर सिंह (कैथल का एकलव्य):
दिव्यांग तीरंदाज हरविंदर सिंह ने 2024 पैरिस पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता है। वह ड्रग्स के खिलाफ जागरूकता फैलाने का भी काम कर रहे हैं।
नीरजा भाटला:
दिल्ली की गायनोलॉजिस्ट नीरजा भाटला ने सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम और जागरूकता के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर सराहनीय काम किया है।
भीम सिंह भावेश (मुसहर का मसीहा):
भोजपुर के भीम सिंह ने पिछड़ी जाति के मुसहर समुदाय की शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए 22 वर्षों से समर्पित होकर काम किया है। उनकी संस्था ‘नई आशा’ ने हजारों बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाया है।
जगदीश जोशीला:
निमाड़ी और हिंदी साहित्य में योगदान देने वाले लेखक जगदीश जोशीला ने 50 से अधिक उपन्यास और कई नाटक व कविताएं लिखी हैं।
शैखा एजे अल सबह:
कुवैत की योग शिक्षिका शैखा एजे अल सबह ने वहां का पहला योग स्टूडियो स्थापित किया और योग को बढ़ावा दिया।
अन्य उल्लेखनीय नाम:
- पी. दत्चनामूर्ति: दक्षिण भारतीय संगीत में योगदान।
- हग और कोलीन गैंजर: ट्रैवल जर्नलिज्म में उत्कृष्टता।
- एल. हैंगथिंग: फल उत्पादन में योगदान।
- वेनकप्पा अंबाजी सुगाटेकर: गोंधाली लोक गायन।
- निर्मला देवी: सुजानी कढ़ाई कला की विशेषज्ञ।
- भीमावा डोड्डाबालप्पा: छायाचित्रण में योगदान।
- राधा बहन भट्ट: महिला सशक्तीकरण।
- विजयलक्ष्मी देशमाने: कैंसर के खिलाफ जागरूकता।
इस बार के पद्म पुरस्कार उन नायकों को समर्पित हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्र में समाज को प्रेरित करने वाले कार्य किए हैं। यह पुरस्कार उनकी कड़ी मेहनत और समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का सम्मान है।