एंप्लॉयीज़ प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) ने अपने सब्सक्राइबर्स के लिए बड़ी सुविधा शुरू की है। अब सदस्य बिना कंपनी से वेरिफिकेशन कराए या EPFO की मंजूरी के, अपने नाम, जन्म तिथि और अन्य व्यक्तिगत जानकारी को सीधे ऑनलाइन बदल सकते हैं। साथ ही, जिनके ईपीएफ अकाउंट्स आधार के जरिए ई-केवाईसी से जुड़े हैं, वे खुद ही आधार ओटीपी का उपयोग करके ईपीएफ ट्रांसफर क्लेम फाइल कर सकते हैं।
शनिवार, 18 जनवरी 2025 को केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने EPFO के 7.6 करोड़ से अधिक सदस्यों के लिए ये दो नई सेवाएं पेश कीं। यह कदम EPFO से जुड़ी प्रक्रिया को सरल और तेज़ बनाने की दिशा में एक बड़ा सुधार है।
नई सुविधा का लाभ किन्हें मिलेगा?
हालांकि यह सुविधा सभी सदस्यों के लिए उपलब्ध नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि:
- यह सेवा केवल उन सदस्यों को दी जाएगी, जिनका UAN (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) 1 अक्टूबर 2017 के बाद जारी हुआ है।
- जिनका UAN आधार से लिंक है, वे बिना किसी सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट के अपने डिटेल्स अपडेट कर सकते हैं।
यदि UAN 1 अक्टूबर 2017 से पहले जारी हुआ है:
- एंप्लॉयर को डिटेल्स सही करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन इसके लिए सहायक दस्तावेजों की जरूरत होगी।
- UAN अगर आधार से लिंक नहीं है, तो सदस्य को पहले एंप्लॉयर के पास जाकर वेरिफिकेशन करवाना होगा। इसके बाद इसे EPFO के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
ईपीएफ ट्रांसफर का नया तरीका
जिन सदस्यों ने ई-केवाईसी पूरी कर ली है, वे अब आधार ओटीपी के जरिए सीधे EPFO से अपना ईपीएफ ट्रांसफर क्लेम फाइल कर सकते हैं। इसके लिए एंप्लॉयर की मदद की आवश्यकता नहीं होगी। यह प्रक्रिया ट्रांसफर को तेज और अधिक पारदर्शी बनाएगी।
सुविधा का प्रभाव: मेंबर्स और एंप्लॉयर्स को फायदा
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि EPFO के लगभग 10 करोड़ सदस्य हैं। इनमें से बड़ी संख्या में लोग केवाईसी और ट्रांसफर प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं का सामना करते थे।
मेंबर्स को कैसे फायदा होगा?
- व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, जन्म तिथि, पिता/पति का नाम, ज्वाइनिंग और छोड़ने की तारीख आदि को स्वयं अपडेट कर सकेंगे।
- पुराने लंबित अनुरोधों को रद्द करके नई प्रक्रिया के तहत तुरंत बदलाव कर सकेंगे।
- शिकायतों के समाधान में तेजी आएगी।
एंप्लॉयर्स का काम होगा आसान
- अब उन्हें सदस्य की व्यक्तिगत जानकारी बदलने या वेरिफिकेशन के लिए समय नहीं देना पड़ेगा।
- वित्त वर्ष 2025 में, एंप्लॉयर्स द्वारा EPFO को भेजे गए 8 लाख अनुरोधों में से केवल 40% पांच दिनों के भीतर पूरे हुए थे। नई व्यवस्था से यह समय बच सकेगा।
- वर्तमान में एंप्लॉयर्स के पास 3.9 लाख से अधिक लंबित मामले हैं, जो अब सीधे सदस्य द्वारा निपटाए जा सकेंगे।
ट्रांसफर प्रक्रिया में बदलाव का असर
EPFO में कुल शिकायतों में से 17% शिकायतें ट्रांसफर से संबंधित हैं। पहले ट्रांसफर क्लेम के लिए:
- एंप्लॉयर से वेरिफिकेशन जरूरी था।
- एंप्लॉयर को रिक्वेस्ट फॉरवर्ड करने में औसतन 12-13 दिन लगते थे।
- पिछले 9 महीनों में करीब 20 लाख ट्रांसफर क्लेम 15 दिनों से ज्यादा समय तक एंप्लॉयर्स के पास लंबित रहे।
अब यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल हो चुकी है। ई-केवाईसी से जुड़े खातों में, ट्रांसफर क्लेम सीधे EPFO के पास जाएगा, जिससे समय की बचत होगी और प्रक्रिया तेज़ हो जाएगी।