रुद्राक्ष: भूलकर भी न पहनें रुद्राक्ष और इन 5 जगहों पर जाएं, हो सकता है बड़ा नुकसान

नई दिल्ली: शास्त्रों और पुराणों के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने के कई लाभों के बारे में विस्तार से बताया गया है। माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। इससे विधिपूर्वक रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को अपने शरीर से नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है और समय के साथ सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है। रुद्राक्ष धारण करने के साथ ही कुछ नियमों का पालन करना भी बेहद जरूरी है। जानिए ऐसी ही पांच जगहों के बारे में जहां रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।

इन पांच जगहों पर कभी भी रुद्राक्ष पहनकर नहीं जाएं

1- मृत्यु स्थान पर

उस स्थान पर रुद्राक्ष बिल्कुल भी धारण नहीं करना चाहिए। जहां एक शख्स की मौत हो गई है.

2- मांस-मदिरा

शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने के बाद मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इतना ही नहीं रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए और शराब पीने वाली जगह पर नहीं जाना चाहिए। साथ ही जहां मछली, मुर्गी, बकरी आदि को काटा या तैयार किया जाता है।

3- बच्चे के जन्म के समय

शास्त्रों के अनुसार उस स्थान पर रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। जहां बच्चे का जन्म हुआ है हिंदू धर्म के अनुसार बच्चे के जन्म के एक महीने बाद सौवार माना जाता है। अतः ऐसे स्थान पर रुद्राक्ष धारण करके नहीं जाना चाहिए। ऐसे स्थान पर रुद्राक्ष धारण करना मनोमोहक हो जाता है।

4- शयन कक्ष में

रुद्राक्ष को सोने से पहले उतार देना चाहिए। क्‍योंकि सोते समय हमारा शरीर अशुद्ध और सुस्त रहता है। साथ ही सोते समय रुद्राक्ष टूटने का भी भय रहता है।

5- इस स्थान पर रुद्राक्ष धारण न करें

शास्त्रों के अनुसार ऐसे स्थान पर रुद्राक्ष बिल्कुल भी नहीं पहनना चाहिए। जहां गलत काम होता है।

रुद्राक्ष कब धारण करना शुभ होता है?

अमावस्या, पूर्णिमा, श्रावण सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष के दिन रुद्राक्ष को दूध से धोकर सरसों का तेल लगाएं। शिव महापुराण के अनुसार रुद्राक्ष में दूध और सरसों का तेल लगाने से ‘बल’ की प्राप्ति होती है। यह शक्ति धीरे-धीरे शरीर से सभी प्रकार की बीमारियों को खत्म कर देती है।

Check Also

शनि देव : अगर आपके जीवन में ऐसा होता है.. तो आप पर शनिदेव की कृपा है…!

शनि के शुभ लक्षण :शनि हमारे अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर फल देने …