लखनऊ। अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के चक्कर में एक नानी ने जो खौफनाक कदम उठाया, उसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। लखनऊ में चार साल की मासूम नातिन की बलि देने वाली नानी को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अपर जिला न्यायाधीश सोमप्रभा मिश्रा ने आरोपी नानी पूजा को दोषी ठहराते हुए 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
सरकारी वकील नवीन त्रिपाठी के अनुसार, मृत बच्ची शिवानी (4) के नाना रामलाल ने मलिहाबाद थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी तहरीर के मुताबिक, 17 मई 2016 को जब उनकी नातिन शिवानी शौच के लिए घर से बाहर गई, तो अचानक लापता हो गई। परिवार ने काफी खोजबीन की, लेकिन बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला।
18 मई 2016 की रात करीब 8 बजे शिवानी का शव रामकुमार के खेत में एक गड्ढे के अंदर पड़ा मिला। शव की स्थिति और घटना के हालात देखकर गांव में सनसनी फैल गई। लेकिन इसके बाद जो खुलासा हुआ, वह और भी ज्यादा चौंकाने वाला था।
नानी ने खुद कबूला गुनाह
घटना स्थल पर पहुंचते ही शिवानी की नानी पूजा जोर-जोर से चीखने लगी और चौंकाने वाली बात कह डाली। उसने कहा,
“मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई है। मैंने अपनी नातिन शिवानी की हत्या कर दी और उसकी लाश गड्ढे में छिपा दी।”
इतना कहते ही पूजा बेहोश होकर गिर पड़ी। वहां मौजूद लोगों ने उसे संभाला और पुलिस को सूचना दी।
अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र बना मासूम की मौत की वजह
जब नानी पूजा को होश आया, तो परिवारवालों ने उससे अकेले में पूछताछ की। उसने जो बताया, वह किसी को भी हिला देने के लिए काफी था।
पूजा के मुताबिक, करीब डेढ़ साल पहले उसकी बेटी “बउवा” की मौत हो गई थी। उसे लगता था कि बउवा की आत्मा उसके सिर पर सवार हो गई है और उसने पूजा से कहा,
“जीजा ने मुझे जहर देकर मार दिया था। तुम इसका बदला शिवानी की बलि देकर लो, तो मैं तुम्हारी कोख से लड़के के रूप में जन्म लूंगी।”
बस इसी अंधविश्वास के चलते, पूजा ने लड़के की चाहत में अपनी मासूम नातिन का गला दबाकर उसकी जान ले ली। हत्या के बाद उसने शव को उठाकर रामकुमार के खेत में बने गड्ढे में छिपा दिया।
पुलिस जांच और कोर्ट का फैसला
रामलाल की तहरीर के आधार पर मलिहाबाद पुलिस ने पूजा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया। छानबीन और सबूतों के आधार पर पुलिस ने आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया।
कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूजा को दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही, 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।