Muslim population in UP : चौंकाने वाले आँकड़े! नवाबों की नगरी लखनऊ और न ही तालीम का केंद्र अलीगढ़, इस ज़िले में है सबसे बड़ी मुस्लिम जनसंख्या

Muslim population in UP
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Muslim population in UP : उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य, अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता के लिए जाना जाता है। इस विशाल प्रदेश में विभिन्न समुदायों के लोग सदियों से एक साथ रहते आए हैं। जब हम उत्तर प्रदेश में मुस्लिम आबादी की बात करते हैं, तो अक्सर लोगों के मन में लखनऊ (नवाबों का शहर) या अलीगढ़ (अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए प्रसिद्ध) जैसे शहरों का नाम आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के किस जिले में वास्तव में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी निवास करती है? आँकड़े कुछ और ही कहानी बयां करते हैं।

आम धारणा के विपरीत: कहाँ है सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी?

आमतौर पर यह माना जाता है कि लखनऊ, रामपुर, या अलीगढ़ जैसे ऐतिहासिक मुस्लिम प्रभाव वाले शहरों में मुस्लिम आबादी सबसे अधिक होगी। हालांकि, जनगणना के आंकड़ों और विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद जिला वह जिला है जहाँ मुस्लिम आबादी का प्रतिशत और कुल संख्या दोनों ही काफी अधिक हैं, और यह अक्सर सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले जिले के रूप में सामने आता है। इसके बाद रामपुर, बिजनौर, सहारनपुर और अमरोहा जैसे जिले भी महत्वपूर्ण मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों में गिने जाते हैं।

Muslim population in UP,आंकड़ों का विश्लेषण: प्रतिशत और कुल संख्या

  • मुरादाबाद: नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों (मुख्य रूप से 2011 की जनगणना पर आधारित, क्योंकि आधिकारिक नवीनतम विस्तृत आंकड़े अभी प्रक्रिया में हैं) के अनुसार, मुरादाबाद जिले में मुस्लिम आबादी का प्रतिशत लगभग 50% के आसपास या इससे भी थोड़ा अधिक हो सकता है, जो इसे राज्य के सबसे घने मुस्लिम आबादी वाले जिलों में से एक बनाता है। कुल संख्या में भी यह जिला अग्रणी है।

  • रामपुर: रामपुर जिले में भी मुस्लिम आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा है, जो प्रतिशत में मुरादाबाद के करीब हो सकता है।

  • अन्य जिले: बिजनौर, सहारनपुर, अमरोहा, मेरठ, और बहराइच जैसे जिलों में भी मुस्लिम आबादी काफी सघन है।

  • लखनऊ और अलीगढ़: जबकि लखनऊ और अलीगढ़ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण मुस्लिम केंद्र हैं, जिलेवार कुल मुस्लिम आबादी या प्रतिशत के मामले में वे मुरादाबाद या रामपुर जैसे जिलों से पीछे हो सकते हैं। हालांकि, इन शहरों में भी मुस्लिम आबादी का एक बड़ा और प्रभावशाली हिस्सा निवास करता है।

इसके पीछे के संभावित कारण

किसी विशेष जिले में एक समुदाय की अधिक सघनता के कई ऐतिहासिक, सामाजिक और आर्थिक कारण हो सकते हैं:

  1. ऐतिहासिक बसावट: कई क्षेत्रों में समुदायों की बसावट सदियों पुरानी है, जो ऐतिहासिक घटनाओं और शासकों के संरक्षण से प्रभावित रही है।

  2. आर्थिक अवसर: कुछ विशेष उद्योग या व्यापार, जैसे मुरादाबाद का पीतल उद्योग, विशिष्ट समुदायों के कारीगरों और व्यापारियों को आकर्षित करते रहे हैं।

  3. सामाजिक-सांस्कृतिक जुड़ाव: समान संस्कृति और परंपराओं वाले लोगों का एक साथ रहना स्वाभाविक है, जिससे कुछ क्षेत्रों में समुदायों का घनत्व बढ़ जाता है।

  4. प्रवासन: समय के साथ आंतरिक प्रवासन भी जनसंख्या वितरण को प्रभावित करता है।

उत्तर प्रदेश की सामाजिक संरचना में महत्व

उत्तर प्रदेश में मुस्लिम आबादी राज्य की सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक ताने-बाने का एक अभिन्न अंग है। उनकी उपस्थिति राज्य की विविधता को समृद्ध करती है और विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता, चाहे वह कला, साहित्य, हस्तशिल्प, व्यापार या राजनीति हो।

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