
News India Live, Digital Desk: Monsoon havoc in Himachal: पहाड़ों की रानी हिमाचल प्रदेश इस बार मॉनसून के कहर से बुरी तरह जूझ रहा है। पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने राज्य में भारी तबाही मचाई है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, इस प्राकृतिक आपदा में 21 लोगों की दुःखद मौत हो गई है, जबकि 34 लोग अभी भी लापता हैं। राज्य को 400 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा का भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
सबसे ज़्यादा दिल दहला देने वाली घटना राजधानी शिमला के समरहिल इलाके में हुई है, जहाँ भूस्खलन के कारण एक प्राचीन शिव मंदिर ढह गया। इस दर्दनाक हादसे में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई। शिमला के कृष्णानगर इलाके में भी एक बूचड़खाना और कई घर ढह गए, जिसमें दो लोगों की मौत की खबर है। मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर, सिरमौर और सोलन जैसे ज़िले भी बाढ़ और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
चारों ओर सड़कों पर मलबा और पेड़ गिरने से लगभग 245 सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप्प हो गया है। कई जगहों पर बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित हुई है। नदी-नाले उफान पर हैं, जिससे पुल बह गए हैं और कई गाँव कट गए हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस आपदा पर गहरा दुःख व्यक्त किया है और कहा है कि राज्य सरकार पूरी मुस्तैदी से राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई है। SDRF, NDRF, सेना और पुलिस की टीमें युद्धस्तर पर लापता लोगों की तलाश कर रही हैं और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा रही हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए भी ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, जिससे लोगों की चिंताएँ और बढ़ गई हैं।
यह आपदा पिछले साल के मॉनसून की भयावह याद दिला रही है, जब भी राज्य को भारी नुकसान हुआ था। प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील कर रहा है।
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