Monsoon-2025 : देश में कब आएगा मानसून, कितनी होगी बारिश? मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया….

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आईएमडी मानसून-2025 पूर्वानुमान : भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि इस साल भारत में मानसून 4 दिन पहले शुरू होगा। आमतौर पर मानसून 1 जून से शुरू होता है, लेकिन इस साल मानसून 27 मई को केरल तट पर पहुंचने की संभावना है। वर्ष 2009 में मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था।

देश में मानसून के प्रवेश पर चार वर्षों के आंकड़े

पिछले साल मानसून ने 30 मई को केरल में प्रवेश किया था। जबकि 2023 में मानसून 8 जून को, 2022 में 29 मई को और 2021 में 3 जून को पहुंचा, जबकि 2020 में मानसून 1 जून को पहुंचा था। दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 1 जून तक केरल में शुरू होता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर करता है। साथ ही, मानसून 17 सितंबर के आसपास उत्तर पश्चिम भारत से और 15 अक्टूबर तक देश के बाकी हिस्सों से वापस चला जाता है। 

 

सामान्य से अधिक वर्षा की उम्मीद

मौसम विभाग ने 2025 में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना जताई है। आमतौर पर अल नीनो प्रभाव के कारण सामान्य से कम बारिश होती है, हालांकि इस बार इसका प्रभाव नकारा गया है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन ने कहा, “इस वर्ष देश में चार महीने के मानसून सीजन के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा होने की उम्मीद है।” इस दौरान 105 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान है, जो औसत बारिश से 87 प्रतिशत अधिक है।

10 दिन में निकोबार द्वीप समूह से केरल पहुंचेगा मानसून

भारतीय मौसम विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि, ‘केरल में मानसून के जल्दी या देर से प्रवेश का मतलब देश में अधिक या कम बारिश नहीं है, इसके कई अन्य प्रभाव भी शामिल हैं।’ हाल ही में मौसम विभाग ने कहा था कि इस साल मानसून 13 मई को ही दक्षिणी अंडमान सागर, बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और निकोबार द्वीप समूह में आगे बढ़ सकता है। आमतौर पर ऐसा 20 मई के आसपास होता है, हालांकि इस बार यह एक सप्ताह पहले हो रहा है। मानसून को निकोबार द्वीप समूह से केरल पहुंचने में आमतौर पर 10 दिन लगते हैं।

मानसून देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

मौसम विभाग के अनुसार 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत तक की बारिश को सामान्य माना जाता है। 90 प्रतिशत से कम वर्षा को कम माना जाता है तथा 90 से 95 प्रतिशत के बीच वर्षा को सामान्य से कम माना जाता है। भारत के कृषि क्षेत्र के लिए मानसून बहुत महत्वपूर्ण है। देश की 42 प्रतिशत आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है और यह क्षेत्र देश के विकास में 18 प्रतिशत का योगदान देता है। मानसून की बारिश देश के जलाशयों को भरने और बिजली उत्पादन के लिए भी महत्वपूर्ण है।