शिक्षा मंत्रालय की पहल पर स्कूली छात्रों की ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (APAR) आईडी बनाने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। सरकारी स्कूलों की तुलना में निजी स्कूलों में APAR आईडी बनाने की गति धीमी है, जिससे सरकार ने अब निजी स्कूलों पर ज्यादा फोकस करने का निर्णय लिया है।
इसी के तहत 11 फरवरी 2025 को ‘मेगा अपार दिवस’ मनाया जाएगा, जिसमें छूटे हुए छात्रों की APAR आईडी बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
निजी स्कूलों में धीमी है APAR ID बनाने की प्रगति
शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार:
निजी स्कूलों में अभी तक केवल 41% छात्रों की ही APAR आईडी बनी है।
सरकारी स्कूलों में यह आंकड़ा अपेक्षाकृत बेहतर है।
पूरे देश में औसतन 50% छात्रों की ही APAR आईडी बनी है।
विशेष ध्यान: कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों की APAR आईडी बनाने पर खास जोर दिया जा रहा है, क्योंकि बोर्ड परीक्षा के बाद वे किसी अन्य संस्थान में चले जाएंगे।
शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों के शिक्षा विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे निजी स्कूलों को APAR आईडी बनाने के लिए प्रोत्साहित करें।
APAR ID क्यों है जरूरी?
APAR आईडी छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों और रिकॉर्ड्स का डिजिटल स्टोर है, जो पूरे शैक्षणिक जीवन में उनके साथ रहेगा।
छात्रों के स्कूल ट्रांसफर के दौरान रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा।
शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता आएगी।
भविष्य में ऑनलाइन प्रवेश और स्कॉलरशिप प्रक्रिया आसान होगी।
डुप्लिकेट और फर्जी रिकॉर्ड्स को रोका जा सकेगा।
सरकार की योजना है कि आने वाले समय में APAR ID को सभी स्कूलों और कॉलेजों में अनिवार्य कर दिया जाए।
मेगा अपार दिवस: 11 फरवरी को होगा बड़ा अभियान
शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी BSA (बेसिक शिक्षा अधिकारी) और DIOS (जिला विद्यालय निरीक्षक) को निर्देश दिए हैं कि 11 फरवरी को प्रदेशभर में मेगा अपार दिवस मनाया जाए।
🔹 क्या होगा इस अभियान में?
✔ सभी स्कूलों में विशेष शिविर लगेंगे।
✔ छूटे हुए छात्रों की APAR आईडी तुरंत बनाई जाएगी।
✔ निजी स्कूलों को ID बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
इस दिन बड़ी संख्या में छात्रों की APAR ID बनाकर देशभर में 80-90% छात्रों को इस डिजिटल रजिस्ट्रेशन से जोड़ने का लक्ष्य है।
शिक्षकों का वेतन रोकने पर हुआ विरोध
APAR ID पूरी न होने के कारण सरकारी प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों का वेतन रोके जाने पर आम आदमी पार्टी (AAP) शिक्षा प्रकोष्ठ ने नाराजगी जताई है।
AAP शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र सिंह का कहना है कि:
✔ APAR ID बनाने में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं।
✔ कई छात्रों और अभिभावकों के आधार कार्ड में गलतियां हैं।
✔ छात्रों के नाम और पते में स्कूल रिकॉर्ड से अंतर है, जिससे आईडी बनाना मुश्किल हो रहा है।
इसके बावजूद शिक्षकों का वेतन रोकना नियम विरुद्ध है।
अभी भी कई जिलों में शिक्षकों का वेतन जारी नहीं किया गया है, जिससे नाराजगी बढ़ रही है।