प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 से एक बड़ी खबर सामने आई है। 90 के दशक की मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी, जो हाल ही में संन्यास लेकर किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनी थीं, उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया है। इस फैसले की घोषणा उन्होंने खुद एक वीडियो जारी कर की, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कुछ लोगों को उनका महामंडलेश्वर बनना स्वीकार नहीं था।
ममता कुलकर्णी का इस्तीफा: क्या कहा वीडियो में?
ममता कुलकर्णी ने अपने वीडियो संदेश में कहा,
“मैं महामंडलेश्वर यमाई ममता नंदगिरी, इस पद से इस्तीफा दे रही हूं। मुझे यह सम्मान मेरी 25 साल की तपस्या के कारण दिया गया था, लेकिन कुछ लोगों को मेरे महामंडलेश्वर बनने से दिक्कत है। इसलिए, मैं अब यह पद छोड़ रही हूं।”
वीडियो में उन्होंने आगे बताया कि कुछ साधु-संतों और शंकराचार्यों ने उनके महामंडलेश्वर बनने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वे पिछले 25 सालों से साध्वी हैं और आगे भी सन्यास मार्ग पर ही रहेंगी।
महामंडलेश्वर बनने के बाद क्यों हुआ विवाद?
24 जनवरी 2025 को महाकुंभ में किन्नर अखाड़े की ओर से छह नए महामंडलेश्वरों का पट्टाभिषेक किया गया था, जिनमें से एक ममता कुलकर्णी भी थीं। इस दौरान जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी महेंद्रानंद गिरि, किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, और अन्य महामंडलेश्वर भी उपस्थित थे। इस दीक्षा के बाद ममता कुलकर्णी को “यमाई ममता नंद गिरि” का नया नाम दिया गया।
VIDEO | Former Bollywood actress Mamta Kulkarni steps down as Mahamandaleshwar of the Kinnar Akhara, amid backlash. Here’s what she said in a video message:
I, Mahamandaleshwar Yamai Mamta Nandgiri, am resigning from this post. The respect given to me was for my 25 years of… pic.twitter.com/W436VvnSny
— Press Trust of India (@PTI_News) February 10, 2025
लेकिन उनके महामंडलेश्वर बनने के बाद महाकुंभ में आए कई साधु-संतों ने इसका विरोध किया। कुछ धार्मिक संगठनों और प्रमुख अखाड़ों से जुड़े संतों ने कहा कि एक पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री का महामंडलेश्वर बनना परंपरा के अनुरूप नहीं है।
ममता कुलकर्णी ने अपने गुरु का किया जिक्र
अपने वीडियो संदेश में ममता कुलकर्णी ने अपने गुरु का जिक्र करते हुए कहा,
“मेरे गुरु बहुत ऊंचे हैं, और उनके सानिध्य में मैंने 25 साल तपस्या की है। लेकिन मैं देख रही हूं कि मेरे महामंडलेश्वर बनने से लोगों को तकलीफ हो रही है। चाहे वो शंकराचार्य हों या अन्य लोग। मैं इस विवाद का हिस्सा नहीं बनना चाहती।”
इस बयान से साफ जाहिर होता है कि ममता कुलकर्णी अपने सन्यास मार्ग पर आगे बढ़ना चाहती हैं, लेकिन विवादों से बचने के लिए उन्होंने महामंडलेश्वर पद छोड़ने का निर्णय लिया।
कौन हैं ममता कुलकर्णी?
ममता कुलकर्णी 90 के दशक की बॉलीवुड की एक चर्चित अभिनेत्री रही हैं। उन्होंने करण अर्जुन, सबसे बड़ा खिलाड़ी, बाज़ी, चाइना गेट जैसी हिट फिल्मों में काम किया था। लेकिन फिल्म इंडस्ट्री से अचानक गायब होने के बाद, वह आध्यात्मिक जीवन में प्रवेश कर चुकी थीं।
करीब 25 सालों से उन्होंने ग्लैमर की दुनिया से दूरी बना ली थी और वे पूरी तरह से सन्यास के मार्ग पर चल रही थीं। यही वजह थी कि उन्हें किन्नर अखाड़े ने महामंडलेश्वर के पद पर आसीन किया था, लेकिन यह निर्णय लंबे समय तक टिका नहीं रह सका।
क्या आगे भी साध्वी जीवन में रहेंगी ममता?
ममता कुलकर्णी ने स्पष्ट कर दिया है कि भले ही उन्होंने महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे दिया हो, लेकिन वे सन्यास का मार्ग नहीं छोड़ेंगी। उन्होंने कहा कि वे पहले भी साध्वी थीं और आगे भी सन्यासी जीवन जीती रहेंगी।
अब सवाल यह उठता है कि क्या ममता किसी अन्य अखाड़े से जुड़ेंगी या फिर अपने आध्यात्मिक मार्ग पर अकेले आगे बढ़ेंगी? फिलहाल इस पर उन्होंने कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है।