Major change in GST appeal rules: सरकार ने जारी किया नया सर्कुलर, जानिए सेक्शन 107 और 108 के तहत कैसे होगी कार्रवाई

Major change in GST appeal rules: सरकार ने जारी किया नया सर्कुलर, जानिए सेक्शन 107 और 108 के तहत कैसे होगी कार्रवाई
Major change in GST appeal rules: सरकार ने जारी किया नया सर्कुलर, जानिए सेक्शन 107 और 108 के तहत कैसे होगी कार्रवाई

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने GST को लेकर एक महत्वपूर्ण नया सर्कुलर जारी किया है। यह सर्कुलर GST अपील से जुड़े नियमों में एक बड़ा बदलाव लाता है। इसमें धारा 107 (अपील) और धारा 108 (पुनरीक्षण/रिविजन) के तहत एक नई व्यवस्था बनाई गई है, जिससे विभागीय अपील की प्रक्रिया को और स्पष्ट और मानकीकृत (Standardize) किया जा सके।

क्यों लाया गया यह नया नियम?
अक्सर ऐसा होता था कि GST के किसी adjudicating authority (निर्णय देने वाले अधिकारी) द्वारा पारित किए गए आदेश से विभाग खुद सहमत नहीं होता था। ऐसे आदेशों को चुनौती देने के लिए विभाग के पास एक स्पष्ट और एक समान प्रक्रिया नहीं थी। अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीके अपनाए जा रहे थे, जिससे भ्रम की स्थिति बनती थी। इस समस्या को दूर करने और एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) बनाने के लिए ही यह नया सर्कुलर लाया गया है।

क्या है यह नई व्यवस्था?
इस नए सर्कुलर के तहत, अब विभागीय अपील की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया गया है:

  1. आदेश की समीक्षा: अब अगर कोई विभागीय अधिकारी किसी आदेश को गलत, अवैध या राजस्व (Revenue) के हितों के खिलाफ पाता है, तो वह इसकी समीक्षा करेगा।

  2. रिविजनल अथॉरिटी को भेजा जाएगा मामला: समीक्षा के बाद, उस आदेश को चुनौती देने के लिए सीधे धारा 107 के तहत अपील दायर करने के बजाय, मामले को धारा 108 के तहत नियुक्त रिविजनल अथॉरिटी (Revisional Authority) के पास भेजा जाएगा।

  3. आदेश में संशोधन का अधिकार: रिविजनल अथॉरिटी के पास यह अधिकार होगा कि वह उस पुराने आदेश की जांच करे और यदि उसे वह आदेश गलत लगता है, तो उसमें कानूनी रूप से संशोधन (Revise) करे।

इसका क्या मतलब है?
इस नई व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य विभागीय अपील की प्रक्रिया को अंदरूनी तौर पर और प्रभावी बनाना है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जब विभाग किसी आदेश से सहमत नहीं है, तो एक मानकीकृत प्रक्रिया का पालन हो। इससे अनावश्यक मुकदमों में कमी आने और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है। यह करदाताओं (Taxpayers) के लिए भी स्पष्टता लाएगा कि विभागीय आपत्तियां किस माध्यम से और किस प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ेंगी।

कुल मिलाकर, यह सर्कुलर GST कानून के प्रशासनिक पहलुओं में एक अहम सुधार है, जो अपील और पुनरीक्षण प्रक्रियाओं को अधिक कुशल बनाएगा।