जोड़ों के दर्द का इलाज : कड़ाके की ठंड जारी है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई है और इसका असर मैदानी इलाकों में भी दिखने लगा है। समूचे उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप जारी है। इस मौसम में सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को होती है जिन्हें जोड़ों में दर्द होता है या जो गठिया से पीड़ित होते हैं क्योंकि जैसे ही तापमान गिरता है और ठंडी हवा के कारण मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या शुरू हो जाती है और जोड़ों में दर्द बढ़ जाता है। इस मौसम में जोड़ों की चर्बी कम हो जाती है। इसके कारण दर्द बढ़ जाता है। आइए जानते हैं इस समस्या से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है।
बीन्स
जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए आप अपने आहार में फलीदार सब्जियों को शामिल कर सकते हैं। इससे घुटनों में ग्रीस बढ़ जाती है। इन सब्जियों में खनिज, प्रोटीन और फाइबर जैसे पोषक तत्व होते हैं। सोयाबीन, छोले और हरी बीन्स जैसी सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह जोड़ों के दर्द और सूजन को भी कम करता है।
केल
जैसी पत्तेदार हरी सब्जियां पोषक तत्वों से भरपूर मानी जाती हैं। कपल्स के लिए यह एक बेहतर विकल्प माना जाता है। इन सब्जियों में बीटा-कैरोटीन, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व होते हैं। इसके अलावा इनमें कैल्शियम भी होता है। इससे हड्डियां मजबूत बनती हैं।
लाल मिर्च
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि लाल मिर्च में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है और इसी विटामिन से शरीर में कोलेजन बनता है. यह जोड़ों के कामकाज में सुधार करने में मदद करता है।
क्रूसीफेरस वेजिटेबल्स
आपको बता दें कि पत्तागोभी और सरसों परिवार की सब्जियों को क्रुसिफरस कहा जाता है। इसमें कई सब्जियां जैसे केल, सरसों का साग, अरुगुला और बैंगनी गोभी शामिल हैं। क्लीवलैंड क्लिनिक की एक स्टडी के मुताबिक, फूलगोभी, ब्रोकली और ब्रसेल्स स्प्राउट्स सब्जियां जोड़ों में ग्रीस बढ़ाने का काम करती हैं। इन सब्जियों में कैल्शियम, फाइबर और विटामिन जैसे पोषक तत्व होते हैं।
लहसुन
हल्दी, लहसुन, प्याज और अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। माना जाता है कि ये सब्जियां गठिया रोग में उपयोगी होती हैं।