
क्या आप भी अपने बैंक खाते में नकद पैसा जमा करते हैं? यह एक आम बात है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक सीमा से ज्यादा कैश जमा करने पर आपको इनकम टैक्स विभाग का नोटिस मिल सकता है?
घबराइए नहीं, इसका मतलब यह नहीं है कि आप कैश जमा ही नहीं कर सकते। सरकार ने बस कुछ नियम बनाए हैं ताकि काले धन (Black Money) और टैक्स चोरी को रोका जा सके। चलिए, इन नियमों को आसान भाषा में समझते हैं।
1. सेविंग्स अकाउंट (बचत खाता) की लिमिट
अगर आप अपने किसी एक या एक से ज्यादा सेविंग्स अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) के दौरान कुल मिलाकर ₹10 लाख या उससे ज्यादा की नकद राशि जमा करते हैं, तो बैंक इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देता है। विभाग यह जानने के लिए आपको नोटिस भेज सकता है कि इस पैसे का स्रोत क्या है।
2. करंट अकाउंट (चालू खाता) की लिमिट
अगर आपका कोई बिजनेस है और आप करंट अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए यह लिमिट बहुत ज्यादा है। एक वित्तीय वर्ष में करंट अकाउंट में ₹50 लाख से ज्यादा कैश जमा करने पर बैंक इसकी रिपोर्टिंग करता है।
नोटिस आने पर क्या करें?
सबसे पहली बात, नोटिस मिलने का मतलब यह नहीं है कि आप दोषी हैं। यह बस एक पूछताछ प्रक्रिया है।
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शांत रहें: विभाग आपसे बस यह जानना चाहता है कि आपके पास यह पैसा कहां से आया।
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सबूत तैयार रखें: अगर आपके पास पैसों के स्रोत का जायज जवाब और सबूत हैं (जैसे – प्रॉपर्टी बेचने से मिले पैसे, कृषि से हुई आय, विरासत में मिली रकम), तो आपको घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है।
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जवाब दें: नोटिस का समय पर जवाब देना बहुत जरूरी है। अगर आप स्रोत को सही साबित कर देते हैं, तो मामला वहीं खत्म हो जाता है।