
News India Live, Digital Desk: Liver Health : हमारा लिवर हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है, जो हज़ारों ज़रूरी काम करता है – खाना पचाने से लेकर ज़हरीले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने तक। पर, एक बीमारी है जो आजकल चुपके से हमारे लिवर को कमजोर कर रही है – वो है फैटी लिवर (Fatty Liver)। दुख की बात ये है कि शुरुआती स्टेज में इसके लक्षण अक्सर पता ही नहीं चलते, और जब तक इसका पता चलता है, तब तक ये गंभीर रूप ले चुकी होती है। अगर इसे वक्त रहते कंट्रोल न किया जाए, तो यह लिवर फेलियर या सिरोसिस जैसी जानलेवा बीमारियों में बदल सकता है।
दरअसल, जब हमारे लिवर सेल्स में ज़रूरत से ज़्यादा वसा जमा हो जाती है तो इसे फैटी लिवर कहते हैं। यह मुख्य रूप से हमारी खराब जीवनशैली और खानपान का नतीजा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि आपके रोज़मर्रा के खाने में कुछ ऐसी चीजें शामिल हैं जो आपके लिवर को चुपके से बीमार कर रही हैं। तो, अगर आप अपने लिवर को बचाना चाहते हैं और फैटी लिवर के खतरे को कम करना चाहते हैं, तो इन 4 चीजों से आज ही दूरी बना लें:
-
सफेद ब्रेड और रिफाइंड अनाज:
सुबह के नाश्ते से लेकर शाम के स्नैक्स तक, अक्सर हमारी डाइट में मैदा और रिफाइंड आटे से बनी चीजें शामिल होती हैं – चाहे वो सफेद ब्रेड हो, पास्ता हो, या बिस्कुट। इनमें फाइबर कम और प्रोसेस्ड शुगर ज़्यादा होती है, जिसे लिवर को पचाने में बहुत मेहनत लगती है। ये चीजें बहुत तेज़ी से ग्लूकोज में बदल जाती हैं और जब ज़रूरत से ज़्यादा ग्लूकोज शरीर में होता है, तो लिवर इसे फैट में बदलकर स्टोर करने लगता है। यही फैट लिवर में जमा होकर फैटी लिवर का कारण बनता है। -
शुगर वाली ड्रिंक्स (जैसे कोल्ड ड्रिंक्स और पैकेट वाले जूस):
अगर आपको कोल्ड ड्रिंक्स, एनर्जी ड्रिंक्स या पैकेट वाले मीठे जूस पसंद हैं तो सावधान हो जाइए! ये लिवर के सबसे बड़े दुश्मनों में से एक हैं। इनमें फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप (high-fructose corn syrup) और ढेर सारी आर्टिफिशियल शुगर होती है। लिवर फ्रुक्टोज को फैट में बदलने में माहिर है, और जब ये फैट लिवर में ज़रूरत से ज़्यादा जमा हो जाता है, तो फैटी लिवर और इंसुलिन रेसिस्टेंस का खतरा बढ़ जाता है। इन मीठे पेय पदार्थों में कोई पोषक तत्व भी नहीं होता, सिर्फ़ खाली कैलोरी होती हैं। -
तले हुए और ऑयली फूड्स:
हम भारतीयों को तला हुआ और चटपटा खाने का बहुत शौक होता है – पराठे, समोसे, फ्रेंच फ्राइज़, पकौड़े… लिस्ट बहुत लंबी है! दुर्भाग्य से, ये सब डीप-फ्राइड और हाई-फैट फूड्स अनहेल्दी ट्रांस फैट और सेचुरेटेड फैट से भरे होते हैं, जो लिवर पर सीधा हमला करते हैं। ये लिवर को फैटी बनाने में सबसे आगे होते हैं। इतना ज़्यादा फैट प्रोसेस्ड करने से लिवर का काम बहुत बढ़ जाता है और समय के साथ वह कमजोर पड़ने लगता है। -
शराब:
शराब और लिवर की ‘दोस्ती’ बहुत पुरानी है… और बहुत खराब! अत्यधिक शराब का सेवन लिवर को तेज़ी से खराब करता है, और फैटी लिवर इसकी शुरुआत होती है। शराब को तोड़ने के लिए लिवर को बहुत काम करना पड़ता है, और इस प्रक्रिया में लिवर सेल्स को नुकसान होता है, जिससे वसा जमा होने लगती है और इन्फ्लेमेशन भी बढ़ जाता है। यही शराब से होने वाले फैटी लिवर (Alcoholic Fatty Liver Disease – AFLD) का मुख्य कारण है, जो सिरोसिस और लिवर फेलियर तक पहुंच सकता है।
अच्छी बात यह है कि फैटी लिवर को अक्सर सही डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करके ठीक किया जा सकता है, खासकर शुरुआती स्टेज में। अपने खानपान में ताज़े फल, सब्ज़ियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन शामिल करें। नियमित व्यायाम करें, अपना वज़न कंट्रोल में रखें और ऊपर बताई गई चीज़ों से दूरी बनाएं। याद रखें, स्वस्थ लिवर स्वस्थ जीवन की कुंजी है! अगर आपको कोई भी लक्षण महसूस हों, तो डॉक्टर से सलाह लेने में बिल्कुल देर न करें।