सनातन धर्म में आज भी कई ऐसी पुरानी मान्यताएं प्रचलित हैं, जिन्हें अंधश्रद्धा माना जाता है। वहीं कुछ लोग इसके वैज्ञानिक कारण भी मानते हैं। ऐसा ही एक विश्वास पलक झपकने से संबंधित है। कुछ लोग इसे अशुभ मानते हैं, लेकिन इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों कारण होते हैं।
समुद्रशास्त्र ने सभी मानव अंगों के कामकाज का गहन अध्ययन किया है। शास्त्रों के अनुसार आंख मारने का मतलब महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग होता है। महिलाओं की बाईं आंख और पुरुषों की दाईं आंख का फड़कना शुभ माना जाता है। आइए जानें कि आंखें झपकने से क्या होता है।
डायरेक्ट ब्लिंक:
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार आंखें सीधी करने पर शुभ फल प्राप्त होते हैं। माना जाता है कि इससे उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। धन और पदोन्नति के योग भी बनते हैं। वहीं दूसरी ओर महिलाओं में सीधा पलक झपकना किसी तरह के भद्देपन का संकेत है। यह उनके लिए अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि स्त्री द्वारा किया गया काम या काम बिगड़ सकता है।
आँख का उल्टा झपकना
समुद्रशास्त्र के अनुसार यदि किसी महिला की बायीं आंख फड़कती है तो यह महिला के लिए शुभ संकेत है। ऐसा कहा जाता है कि जो महिलाएं पीछे की ओर पलक झपकाती हैं उन्हें अच्छा वेतन मिलता है। साथ ही यदि किसी पुरुष की बायीं आंख पर चोट लगे तो उस व्यक्ति को हानि होने की संभावना बनती है।
वैज्ञानिक कारण :
वैज्ञानिक कारणों के अनुसार आंखों के फड़कने की समस्या मांसपेशियों में किसी प्रकार के तनाव के कारण होती है। जैसे, समय पर पर्याप्त नींद न लेना
टेंशन में रहना, ज्यादा थकान होना या लैपटॉप पर लंबे समय तक काम करना भी आंखों में खिंचाव का कारण बन सकता है।