आयकर नियमों में बड़े बदलाव: जल्द संसद में पेश होगा नया इनकम टैक्स बिल

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि जल्द ही नया इनकम टैक्स बिल संसद में पेश किया जाएगा। इसके लागू होने से आयकर नियमों में बड़े बदलाव की संभावना है। इस विषय पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने सीएनबीसी आवाज़ के संवाददाता आलोक प्रियदर्शी से विशेष बातचीत की।

64 साल पुराने इनकम टैक्स एक्ट में बदलाव की जरूरत

रवि अग्रवाल ने बातचीत में बताया कि वर्तमान इनकम टैक्स एक्ट 64 साल पुराना है और समय-समय पर इसमें बदलाव किए जाते रहे हैं। अब समय आ गया है कि इसे पूरी तरह से नए और आधुनिक कानून में बदला जाए। नए इनकम टैक्स कानून को टैक्सपेयर्स की सुविधा के अनुसार बनाया जा रहा है। इसमें पुराने और अप्रासंगिक प्रावधानों को हटाया जाएगा, जिससे यह पहले की तुलना में लगभग आधा हो जाएगा।

AI और डिजिटल अर्थव्यवस्था को मिलेगा स्थान

रवि अग्रवाल के अनुसार, नए इनकम टैक्स एक्ट में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डिजिटल अर्थव्यवस्था का विशेष ध्यान रखा गया है। इसके अलावा, संसद की विभिन्न समितियों की सिफारिशों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों को नए टैक्स रिजीम में शामिल करना है। वर्तमान में लगभग 75% करदाता नए टैक्स रिजीम में हैं, लेकिन टैक्स छूट के बाद यह आंकड़ा 95-97% तक पहुंच सकता है। इसके अलावा, करदाताओं के लिए टैक्स रिटर्न भरने की प्रक्रिया को भी आसान बनाया जाएगा।

ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी दर में बदलाव की कोई योजना नहीं

इस बीच, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के चेयरमैन संजय अग्रवाल ने भी सीएनबीसी आवाज़ से खास बातचीत में बताया कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर 28% जीएसटी को लेकर फिलहाल कोई पुनर्विचार नहीं किया जा रहा है।

कस्टम ड्यूटी और इंफ्रा डेवलपमेंट सेस में होगा सुधार

संजय अग्रवाल ने बताया कि कस्टम ड्यूटी को कम करने की योजना बनाई जा रही है। जिन वस्तुओं पर अधिक कस्टम ड्यूटी लगाई गई थी, उन पर राहत दी जाएगी। वर्तमान में कस्टम ड्यूटी को 15% से घटाकर 8% किया गया है। इसके अलावा, एग्री और इंफ्रा डेवलपमेंट सेस (AIDC) को भी तर्कसंगत बनाया जाएगा।

अमेरिका के टैरिफ को लेकर कोई चिंता नहीं

CBIC चेयरमैन के अनुसार, अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर भारत को कोई विशेष चिंता नहीं है। वहीं, ऑनलाइन गेमिंग से जीएसटी रेवेन्यू में चार गुना वृद्धि दर्ज की गई है।

नए इनकम टैक्स एक्ट के आने से करदाताओं को एक सरल और पारदर्शी टैक्स सिस्टम मिलेगा, जिससे कर चुकाने की प्रक्रिया अधिक सहज हो जाएगी।