अगर आप मकान मालिक हैं या किराएदार, तो उत्तर प्रदेश सरकार आपके लिए एक बड़ी राहत लेकर आ रही है। रेंट एग्रीमेंट की रजिस्ट्री को आसान और किफायती बनाने के लिए स्टाम्प शुल्क को बेहद कम किया जा रहा है।
इस बदलाव से मकान मालिक और किरायेदार दोनों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी और रेंट से जुड़े विवादों में कमी आएगी। इसके लिए जल्द ही एक नया प्रस्ताव कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
किरायेदारी में होगा बड़ा सुधार: स्टाम्प शुल्क होगा बेहद कम
अब एक साल से अधिक के रेंट एग्रीमेंट पर सिर्फ ₹500 से लेकर अधिकतम ₹20,000 तक ही स्टाम्प शुल्क लगेगा।
अभी क्या होता है?
- ज़्यादातर लोग ₹100 के स्टाम्प पेपर पर ही किरायेदारी का समझौता कर लेते हैं, जो कानूनी रूप से मान्य नहीं होता।
- इससे यदि कोई विवाद होता है, तो कोर्ट में कोई कानूनी दावा नहीं किया जा सकता।
नया नियम क्या कहता है?
- रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट की शर्तें ही कानूनी रूप से मान्य होंगी।
- मकान मालिक और किरायेदार दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
- सरकार स्टाम्प शुल्क के नियमों को सरल और सस्ता बनाएगी।
क्यों ज़रूरी है रेंट एग्रीमेंट की रजिस्ट्री?
कानूनी सुरक्षा:
रजिस्टर्ड एग्रीमेंट होने पर मकान मालिक और किरायेदार दोनों के अधिकार सुरक्षित रहते हैं।
विवादों से बचाव:
स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल के अनुसार, नए नियमों से किरायेदारी के झगड़े कम होंगे।
कानूनी मान्यता:
अगर रेंट एग्रीमेंट रजिस्टर्ड नहीं है, तो कोई भी पक्ष कोर्ट में मामला दर्ज नहीं कर सकता।
कितना होगा स्टाम्प शुल्क? (नया प्रस्ताव)
अब स्टाम्प शुल्क तय सीमा में सीमित रहेगा, जिससे किरायेदारों और मकान मालिकों को राहत मिलेगी।
समय सीमा / किराया | स्टाम्प शुल्क |
---|---|
1 साल तक का रेंट एग्रीमेंट | किराये का 2% स्टाम्प शुल्क |
₹2 लाख तक का किराया | ₹500 स्टाम्प शुल्क |
₹5 लाख तक का किराया | ₹5,000 स्टाम्प शुल्क |
₹1 करोड़ या उससे अधिक | ₹20,000 स्टाम्प शुल्क |
अब स्टाम्प शुल्क पहले से बहुत कम होगा, जिससे ज्यादा लोग रेंट एग्रीमेंट को रजिस्टर्ड कराने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
रजिस्ट्री न होने पर क्या होगा?
मुकदमा नहीं लड़ पाएंगे:
- अगर रेंट एग्रीमेंट रजिस्टर्ड नहीं है, तो कोर्ट में किसी भी तरह का दावा नहीं किया जा सकेगा।
- एग्रीमेंट की शर्तें तभी मान्य होंगी जब वह रजिस्टर्ड होगा।
अलग पोर्टल की सुविधा:
- 1 साल तक के रेंट एग्रीमेंट के लिए एक अलग पोर्टल बनाया जाएगा।
- ऑनलाइन फॉर्मेट डाउनलोड करके स्टाम्प पर चिपकाने से उसे कानूनी मान्यता मिल जाएगी।
मौजूदा और नए नियमों की तुलना
समय अवधि | मौजूदा स्टाम्प शुल्क | नया प्रस्तावित स्टाम्प शुल्क |
---|---|---|
1 साल का रेंट एग्रीमेंट | किराए का 2% | किराए का 2% |
5 साल का रेंट एग्रीमेंट | 3 साल के किराए का 2% | ₹5,000 तक सीमित |
10 साल का रेंट एग्रीमेंट | 4 साल के किराए का 2% | ₹10,000 तक सीमित |
30 साल से अधिक का एग्रीमेंट | 7% स्टाम्प शुल्क | 6% स्टाम्प शुल्क |
इस नए प्रस्ताव के लागू होने के बाद, किरायेदारी से जुड़े विवादों में भारी कमी आएगी और कानूनी प्रक्रिया आसान होगी।
महिलाओं के लिए संपत्ति खरीदने पर मिलेगी छूट
उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं को प्रॉपर्टी खरीदने पर बड़ा फायदा देने की योजना बना रही है।
- अभी तक ₹10 लाख तक की प्रॉपर्टी पर 1% स्टाम्प शुल्क की छूट मिलती थी।
- अब इसे बढ़ाकर ₹1 करोड़ तक की प्रॉपर्टी पर लागू किया जाएगा।
- इससे महिलाओं की संपत्ति में हिस्सेदारी बढ़ेगी और उन्हें वित्तीय रूप से मजबूत बनाया जाएगा।
कितना मिलेगा फायदा?
प्रॉपर्टी मूल्य | पहले का स्टाम्प शुल्क | नया प्रस्तावित स्टाम्प शुल्क |
---|---|---|
₹10 लाख तक की प्रॉपर्टी | 7% – 1% छूट | 7% – 1% छूट |
₹50 लाख की प्रॉपर्टी | 7% | 6% |
₹1 करोड़ की प्रॉपर्टी | 7% | 6% (₹1 लाख की छूट) |
एक करोड़ की प्रॉपर्टी पर ₹1 लाख तक की छूट मिलेगी!
स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल के अनुसार, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार यह छूट देने की योजना बना रही है।
नतीजा: किरायेदारों और मकान मालिकों के लिए अच्छी खबर!
नए बदलावों से क्या फायदे होंगे?
✔ स्टाम्प शुल्क कम होगा, जिससे रजिस्ट्री कराना आसान होगा।
✔ किरायेदारी के विवाद कम होंगे।
✔ महिलाओं को प्रॉपर्टी खरीदने में बड़ी छूट मिलेगी।
✔ संपत्ति की सुरक्षा के लिए कानूनी प्रक्रिया सरल होगी।
कब लागू होगा नया नियम?
जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट में पेश किया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद ये नए नियम पूरे उत्तर प्रदेश में लागू कर दिए जाएंगे।
अगर आप किराए पर घर लेने या देने की योजना बना रहे हैं, तो यह नियम आपके लिए बहुत मददगार साबित होंगे!
आपकी राय क्या है? क्या आपको ये बदलाव सही लग रहे हैं? हमें कमेंट में बताएं!