लखनऊ, 13 मार्च (हि.स.)। 14 मार्च से शुरू होगा सिक्ख समुदाय का नववर्ष। नानकशाही कैलेण्डर के अनुसार इस तारीख सिक्ख परिवारों खुशी से नववर्ष मनाते है। आज यानि सोमवार को नानकशाही 555वां नव वर्ष ‘कीर्तन दरबार‘ के रूप में बड़ी श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
लखनऊ के नाका हिण्डोला स्थित श्री गुरू सिंह सभा ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरु नानक देव में नानकशाही वर्ष के बारे में बताया । मुख्य ग्रंथि ज्ञानी सुखदेव सिंह ने कीर्तन समागम के बारे में बताया कि एक जनवरी को जो हम नव वर्ष मनाते हैं वह ईसवी संवत के हिसाब से होता है । एक चेत यानी 14 मार्च को जो पंजाबी समाज का नव वर्ष है मनाय जाता है। यह नानकशाही कैलेंडर के मुताबिक है और विक्रमी संवत के मुताबिक अप्रैल में देशवासी नव वर्ष मनाते हैं।
उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति और सभ्यता को साथ जोड़ने और जानकारी देने के लिए इस पंजाबी नव वर्ष पर भव्य कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया, जिससे कि हम सब प्रभु का सिमरन और गुरबाणी का गायन करते हुए नव वर्ष में प्रवेश करें और परमात्मा की खुशियों को प्राप्त करें।
स्टेट सेक्रेटरी सतपाल सिंह मीत ने बताया कि इस अवसर पर फूलों से सुसज्जित संगमरमर की भव्य पालकी साहिब एवं दरबार हाल को बिजली की झालरों से बड़ी खूबसूरती से सजाया गया। रात्रि को विशेष दीवान प्रारम्भ हुआ जो देर तक चला, जिसमें श्री दरबार साहिब, अमृतसर से आए पंथ प्रसिद्ध रागी हजूरी रागी जत्थे भाई जगतार सिंह ने अपनी मधुरवाणी में कीर्तन किए।
उन्होंने शबद कीर्तन गायन कर संगत को मंत्रमुग्ध कर दिया। तत्पश्चात भाई सिमरप्रीत सिेह ने कीर्तन किया। इस अवसर पर सिमरन साधना परिवार के बच्चों ने भी शब्द कीर्तन गायन किया। संगत द्वारा श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी पर फूलों की वर्षा की गई। सभी ने एक दूसरे को नानकशाही नव वर्ष की बधाई दी।
संगतों की ओर से नये साल की खुशी में श्रृधालुओं के लिए स्टाल लगाकर चाउमिन, काफी एवं गुरु का लंगर कड़ी-चावल से संगत की सेवा की गई। संगत में लंगर बांटने की सेवा दशमेश सेवा सोसायटी के सदस्यों द्वारा की गई। सिक्ख सेवक जत्थे के राजवंत सिंह बग्गा, कुलदीप सिंह सलूजा द्वारा जोड़ों की सेवा की गई।