अगर पैरों, घुटनों और एड़ियों में तेज दर्द हो तो समझ लें कि खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ गई है। जब यूरिक एसिड हमारे हाथों और पैरों के जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमा हो जाता है तो इसे गाउट कहते हैं।
एक रिसर्च के मुताबिक यूरिक एसिड बढ़ने से आपकी उम्र करीब 11 साल कम हो जाती है और किडनी, हार्ट, डायबिटीज और स्ट्रोक का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए समय रहते इसे नियंत्रित करना जरूरी है। जानिए कच्चे पपीते के सेवन से आप यूरिक एसिड को कैसे नियंत्रित कर सकते हैं-
पपीता यूरिक एसिड के मरीजों के लिए बहुत अच्छा होता है। क्योंकि इसमें ‘पपैन’ नामक प्रोटियोलिटिक एंजाइम होता है जो एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेट्री है। यह शरीर को क्षारीय अवस्था में रखने में मदद करता है और रक्त में यूरिक एसिड के निर्माण को रोकने में मदद कर सकता है। यह प्रोटीन के पाचन में भी मदद करता है।
आइए जानते हैं इसे बनाने का तरीका-
2 लीटर साफ पानी लें और इसे उबाल लें। फिर एक मध्यम आकार का पका पपीता लें और उसे अच्छे से धो लें। – इसके बाद पपीते के बीज निकालकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें. इन पपीते के टुकड़ों को उबलते पानी में 5 मिनट तक उबालें। फिर इसमें 2 चम्मच ग्रीन टी की पत्तियां डालकर कुछ देर उबालें। अब इस पानी को छानकर ठंडा कर लें और इसे पूरे दिन पिएं। आपको अवश्य लाभ होगा।
आप चाहें तो पपीते की चाय का सेवन भी कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले एक बर्तन में 2 कप पानी डालें। अब लगभग 100 ग्राम कच्चे पपीते को छोटे-छोटे टुकड़ों में मिला लें। अब इसे गर्म होने दें. जब यह पानी उबलने लगे तो गैस बंद कर दें और पानी को छान लें और इसमें ग्रीन टी बैग डालकर चाय की तरह धीरे-धीरे पिएं।
आपको बता दें कि जब आप कुछ खाते हैं तो यूरिक एसिड बनता है। किडनी शरीर से यूरिक एसिड को फिल्टर करती है। लेकिन जब किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर नहीं कर पाती है तो एड़ियों में तेज दर्द होता है। पैर सूज जाते हैं, शुगर हाई हो जाती है, किडनी स्टोन भी किडनी फेल होने का खतरा बढ़ा देता है।