Kolkata Gang Rape: पीड़िता पर उठे सवाल, तो भड़कीं महुआ, बोलीं ये घिनौनी सोच है

Kolkata Gang Rape:  पीड़िता पर उठे सवाल, तो भड़कीं महुआ, बोलीं ये घिनौनी सोच है
Kolkata Gang Rape: पीड़िता पर उठे सवाल, तो भड़कीं महुआ, बोलीं ये घिनौनी सोच है

News India live, Digital Desk : Kolkata Gang Rape: कोलकाता में एक लॉ स्टूडेंट के साथ हुए गैंगरेप के मामले ने एक नया और शर्मनाक मोड़ ले लिया है। यह मामला सिर्फ अपराध तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि अब इस पर सियासत और नेताओं की संवेदनहीन बयानबाजी हावी हो गई है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) की ही सांसद महुआ मोइत्रा ने अपनी ही पार्टी के दो बड़े नेताओं, कल्याण बनर्जी और मदन मित्रा, को उनके बयानों के लिए जमकर फटकार लगाई है।

क्या है पूरा मामला?

कोलकाता में एक कानून की छात्रा ने टीएमसी नेता के बेटे और उसके दोस्तों पर गैंगरेप का आरोप लगाया है। इस गंभीर आरोप के बाद जब पत्रकारों ने टीएमसी के वरिष्ठ नेता कल्याण बनर्जी से सवाल किया, तो उन्होंने एक बेहद गैर-जिम्मेदाराना और शर्मनाक बयान दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि लड़की देर रात होटल में लड़के के साथ क्या कर रही थी? उन्होंने इसे “रिश्ते में खटास” का मामला बताने की कोशिश की, जो सीधे तौर पर पीड़िता को ही कठघरे में खड़ा करना है। इसी तरह, टीएमसी के एक और नेता मदन मित्रा ने भी लड़की के देर रात वहां होने पर सवाल उठाए।

महुआ मोइत्रा ने दिया करारा जवाब

अपनी ही पार्टी के नेताओं के इन बयानों पर सांसद महुआ मोइत्रा आगबबूला हो गईं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी ही पार्टी के नेताओं को आड़े हाथों लिया। महुआ ने साफ शब्दों में कहा कि यह पीड़िता को दोष देने वाली एक घिनौनी मानसिकता है, जो हर पार्टी के नेताओं में भरी हुई है।

उन्होंने लिखा, “किसी महिला के कपड़े, वो कहां जाती है, या किस समय जाती है, इससे किसी को भी उसके साथ बलात्कार करने का अधिकार नहीं मिल जाता।” महुआ ने जोर देकर कहा, “ना का मतलब ना होता है (NO MEANS NO)।”

महुआ ने अपनी पार्टी के नेताओं को याद दिलाया कि उनकी जिम्मेदारी पीड़िता के साथ खड़े होने की है, न कि उसे ही गलत ठहराने की। उन्होंने इस तरह की महिला-विरोधी सोच की कड़ी निंदा की और कहा कि इस मानसिकता को खत्म करने की जरूरत है।

यह घटना दिखाती है कि कैसे एक गंभीर अपराध के बाद भी कुछ नेता पीड़िता को ही दोष देने की कोशिश करते हैं। महुआ मोइत्रा का अपनी ही पार्टी के खिलाफ खड़ा होना इस बात का सबूत है कि इस तरह की गलत सोच के खिलाफ आवाज उठाना कितना जरूरी है, चाहे सामने कोई भी हो।

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