हिंदू धर्म में शंख को देवी लक्ष्मी का वास माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पूजा के बाद नियमित शंख बजाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और गृहकलह से मुक्ति मिलती है। मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होती है। घर में शंख बजाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
शंख बजाने के नियम
- अगर आपके घर में शंख है तो एक नहीं बल्कि दो रखें। एक शंख बजाने के लिए और दूसरा अभिषेक के लिए रखें।
- भगवान की पूजा करते समय शंख बजाना न भूलें। ऐसा करने से वे झूठे हो जाते हैं।
- कभी भी बजने वाले शंख की पूजा नहीं करनी चाहिए।
- पूजा घर में केवल एक ही शंख रखें, जिसका प्रयोग पूजा में किया जाता है।
- दूसरे शंख को सफेद कपड़े में लपेटकर पूजा घर या मंदिर के आसपास रखें।
- मान्यता है कि भगवान विष्णु को शंख से जल चढ़ाना शुभ माना जाता है। लेकिन भगवान शिव और सूर्य को भूलकर भी शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
- शंख बजाने से पहले उसे गंगा जल से धो लें और यदि गंगा जल उपलब्ध न हो तो जल का भी उपयोग किया जा सकता है।
- पूजा के शंख में हमेशा जल रखें। नियमित पूजा के बाद इस जल को घर में छिड़कें। इससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- अपने शंख का प्रयोग किसी के लिए न करें और न ही किसी दूसरे का शंख प्रयोग करें।
- शंख को केवल सुबह और शाम के समय ही बजाना चाहिए। इसके अलावा इसे अन्य समय में नहीं बजाना चाहिए।