राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के महाकुंभ भगदड़ को लेकर दिए गए बयान पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस छिड़ गई। खरगे ने दावा किया कि भगदड़ में हजारों लोगों की मौत हुई, जिसके बाद संसद में जोरदार हंगामा हुआ। सत्तापक्ष के सांसदों ने इस बयान का विरोध किया, वहीं सभापति जगदीप धनखड़ ने भी खरगे से अपना बयान वापस लेने के लिए कहा।
खरगे का बयान: “हजारों लोगों की मौत हुई”
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा:
“महाकुंभ में जो भगदड़ हुई, उसमें हजारों लोगों की जान चली गई। मैं उन सभी को श्रद्धांजलि देता हूं।”
उनके इतना कहते ही सत्तापक्ष के सांसदों ने इसका कड़ा विरोध किया और हंगामा शुरू हो गया।
खरगे ने सफाई देते हुए कहा:
“मैं किसी पर उंगली नहीं उठा रहा हूं। तस्वीरों और भीड़ के हिसाब से मेरा अनुमान है कि हजारों लोग मारे गए। अगर मैं गलत हूं तो सरकार सही आंकड़े दे, मैं माफी मांगने को तैयार हूं। सरकार को यह बताना चाहिए कि कितने लोग मारे गए और कितने लापता हैं।”
सभापति ने जताई आपत्ति, सरकार ने दिए आधिकारिक आंकड़े
सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि विपक्ष के नेता ने हजारों की संख्या में मौत का आंकड़ा दिया है, जो स्तब्ध करने वाला है।
“यह सदन की गरिमा का विषय है। यहां कही गई बात का असर पूरी दुनिया में पड़ता है। ऐसे में बिना प्रमाणित आंकड़ों के ऐसा बयान देना ठीक नहीं।”
सरकार द्वारा जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार,
मौनी अमावस्या (29 जनवरी) के दिन हुई भगदड़ में कुल 30 लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए।
रामगोपाल यादव भी दे चुके हैं ऐसा बयान
इससे पहले समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने भी यही दावा किया था कि महाकुंभ में हजारों लोग मारे गए। उन्होंने आरोप लगाया था कि “कई शवों को गंगा में बहा दिया गया और कई लोगों को दबा दिया गया।”