कोलकाता, 12 नवंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल सरकार ने सेमीकंडक्टर उद्योग में निवेश आकर्षित करने के लिए अलग नीति तैयार करने का निर्णय लिया है। यदि सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से चलता है, तो यह नीति फरवरी में होने वाले आगामी विश्व बंगाल व्यापार सम्मेलन (बीजीबीएस) से पहले तैयार हो सकती है। इस बार बीजीबीएस सम्मेलन का आयोजन पांच-छह फरवरी 2025 को न्यू टाउन में होगा, और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चाहती हैं कि इस सम्मेलन में सेमीकंडक्टर नीति को प्रस्तुत किया जाए। मुख्यमंत्री कार्यालय की स्वीकृति के बाद, इस दिशा में राज्य का सूचना प्रौद्योगिकी विभाग तेजी से काम कर रहा है।
हाल ही में एक व्यापार सभा में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के एक अधिकारी ने संकेत दिया कि जल्द ही सेमीकंडक्टर नीति लाई जाएगी। पहले इसका मसौदा जारी किया जाएगा ताकि संबंधित हितधारक इस पर अपनी राय दे सकें, जिसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इस साल सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका में ‘क्वाड’ सम्मेलन में शामिल हुए थे। इस सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ हुई उनकी बैठक में कोलकाता में ‘सेमीकंडक्टर फैक्ट्री’ स्थापित करने को लेकर चर्चा हुई थी। इस संभावित निवेश में ग्लोबल फाउंडरीज जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनी का नाम सामने आया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बाइडन के बीच इस निवेश पर चर्चा को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी स्वागत किया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि पिछले साल से ही राज्य सरकार का सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और वेबेल ‘सेमीकंडक्टर’ कंपनियों को आमंत्रित कर रहा है। इस दिशा में कुछ छोटे स्टार्टअप्स को वेबेल आईटी पार्क में जगह भी प्रदान की गई है।
सेमीकंडक्टर एक ऐसा पदार्थ है, जो विशेष परिस्थितियों में विद्युत को संचालित कर सकता है। इसे विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मोबाइल, कैमरा, लैपटॉप और टीवी में उपयोग किया जाता है। ये उपकरण एक विशेष प्रकार की ‘चिप’ या ‘माइक्रोचिप’ पर निर्भर करते हैं, जिसमें सेमीकंडक्टर का महत्वपूर्ण योगदान होता है। वर्तमान समय में सेमीकंडक्टर का वैश्विक तकनीकी क्षेत्र में अत्यधिक महत्व है, और इसका उपयोग तेजी से बढ़ रहा है।
वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर उद्योग में ग्लोबल फाउंडरीज शीर्ष तीन कंपनियों में से एक है। राज्य सरकार ने यह भी जानकारी दी है कि ग्लोबल फाउंडरीज ने टेगोर टेक नाम की एक सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी का अधिग्रहण किया है। इसके साथ ही शाओमी और माइक्रोन जैसी कंपनियां भी पश्चिम बंगाल में निवेश करने की योजना बना रही हैं। राज्य सरकार ग्लोबल फाउंडरीज जैसे बड़े निवेश को बंगाल के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मान रही है, क्योंकि इससे राज्य को अंतर्राष्ट्रीय उद्योग जगत में एक सकारात्मक पहचान मिलेगी, जो कि व्यापार और रोजगार के अवसरों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, विशेषज्ञों और व्यापार जगत की राय लेकर सेमीकंडक्टर नीति बनाई जाएगी, जिसे फरवरी में होने वाले विश्व बंगाल व्यापार सम्मेलन में प्रस्तुत किया जाएगा।