ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति में आवधिक परिवर्तन देश और दुनिया के साथ-साथ सभी राशियों के लोगों के जीवन को भी प्रभावित करता है। ग्रह परिवर्तन का प्रभाव सभी पर अलग-अलग होता है। कुछ शुभ होते हैं तो कुछ अशुभ। बृहस्पति का अप्रैल से मीन राशि में गोचर।
29 जुलाई को बृहस्पति अपनी राशि में वक्री होकर 119 दिनों तक वक्र गति में रहेगा। गुरुदेव को ज्ञान, वंश, प्रसिद्धि और सम्मान का ग्रह माना जाता है।
गुरुदेव काल पुरुष की कुंडली में नवम और बारहवें स्थान के स्वामी हैं। इन भावों के स्वामित्व के कारण गुरु देव धर्म और कर्म की विचारधारा को भी परिभाषित करते हैं। बृहस्पति को ज्ञान, शिक्षा, संतान, वैवाहिक सुख, दान और वृद्धि का कारक माना जाता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में इस ग्रह की स्थिति मजबूत होती है उसे जीवन के सभी सुख प्राप्त होते हैं। कुछ राशियाँ ऐसी हैं जिनके निवासियों पर बृहस्पति की वक्र अवस्था का शुभ प्रभाव देखने को मिलेगा। आइए जानते हैं कौन से हैं।
वृषभ
आपकी राशि से बृहस्पति 11वें भाव में वक्री होने जा रहा है। इसे आय और लाभ का मार्जिन कहा जाता है। इसलिए इस दौरान आपकी आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी हो सकती है। यह आय का एक नया स्रोत भी हो सकता है। व्यापार में बड़ा लाभ हो सकता है। इससे व्यापारिक सौदे को भी अंतिम रूप दिया जा सकता है। जिससे आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं। आपको अपनी कार्यशैली में भी सुधार देखने को मिलेगा।
मिथुन राशि
बृहस्पति की वक्रता आपके लोगों के लिए अच्छे दिनों की शुरुआत कर सकती है। क्योंकि बृहस्पति आपके दसवें भाव में वक्री होने वाला है। जिसे जॉब, बिजनेस और वर्कप्लेस कहते हैं। तो इस समय आपको नौकरी का कोई नया ऑफर मिल सकता है। साथ ही, आप इस समय पदोन्नति और रेटिंग प्राप्त कर सकते हैं। इस दौरान आप व्यापार में अच्छा लाभ कमा सकते हैं। मार्केटिंग और मीडिया से जुड़े लोगों के लिए यह शुभ समय है।