1 मई से पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक समझौते समाप्त करने की घोषणा! अर्थव्यवस्था पर इसका बड़ा असर पड़ेगा

No More Trade With Pakistan मराठी समाचार: भारत में व्यापारियों के सबसे बड़े संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने 1 मई से पाकिस्तान के साथ कोई भी व्यापारिक समझौता नहीं करने का फैसला किया है। साथ ही अब तक किए गए सभी अनुबंध रद्द कर दिए जाएंगे। यह निर्णय भुवनेश्वर में आयोजित अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ की अखिल भारतीय बैठक में लिया गया। 

कॉन्फिडेंस ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के देश भर में लगभग 9 करोड़ व्यापारी सदस्य हैं। समिति के अध्यक्ष बी.सी. भारतीयों ने कहा कि भुवनेश्वर बैठक में सभी राज्यों के प्रतिनिधि मौजूद थे, जिसमें पाकिस्तान के साथ सभी वाणिज्यिक समझौते समाप्त करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी व्यापारी कैट के माध्यम से करीब एक लाख करोड़ रुपये का कारोबार करते हैं। 

 

9 करोड़ व्यापारियों का समर्थन

सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. श्री भरतिया ने बताया कि इस निर्णय को देशभर के लगभग 9 करोड़ व्यापारियों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा कि भारतीय व्यापारी हर साल पाकिस्तान के साथ करीब एक लाख करोड़ रुपये का व्यापार करते हैं, जो अब पूरी तरह बंद हो जाएगा।

इन वस्तुओं का व्यापार पाकिस्तान से होता है।

भारतीय व्यापारी पाकिस्तान के साथ चीनी, सीमेंट, लोहा, वाहन स्पेयर पार्ट्स, इलेक्ट्रिकल सामान का व्यापार करते हैं, लेकिन अब उन्होंने 1 मई से यह व्यापार नहीं करने का फैसला किया है। इन व्यापारियों ने यह भी कहा है कि वे जल्द ही प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्री कार्यालय और वाणिज्य मंत्रालय को इस बारे में सूचित करेंगे। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार ने पानी की सप्लाई बंद कर दी है, वहीं दूसरी तरफ व्यापारी भी खुद को देश का सैनिक मानते हैं, जिसके तहत उन्होंने पाकिस्तान से व्यापारिक रिश्ते तोड़ने का फैसला लिया है, जिससे पाकिस्तान भी आर्थिक रूप से कमजोर होगा।

सूखे मेवे पाकिस्तान से आते हैं।

संगठन का कहना है कि भारतीय व्यापारी वहां से ड्राई फ्रूट्स की मांग करते हैं, लेकिन उस क्षेत्र में कारोबार कर रहे व्यापारियों ने उनसे कहा कि वे सभी अनुबंध रद्द कर देंगे। गौरतलब है कि 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक संबंधों में खटास आ गई थी। नतीजतन, दोनों देशों के बीच व्यापार में काफी गिरावट आई है, जो 2018 में लगभग 3 बिलियन डॉलर के वार्षिक व्यापार से 2024 में 1.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।