क्या सोरसोप फल से कैंसर का इलाज संभव है?

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सोशल मीडिया पर एक नई चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर ग्रेविओला नामक फल को कैंसर के इलाज के लिए चमत्कारी बताया जा रहा है। इस दावे के चलते बाजार में सॉरसॉप से ​​बने जूस, सप्लीमेंट और प्रोटीन पाउडर जैसे उत्पादों की बिक्री भी बढ़ रही है। लेकिन क्या सॉरसॉप वाकई कैंसर का इलाज कर सकता है?

दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के अध्यक्ष डॉ. चिंतामणि ने कहा कि सार्सोप में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, लेकिन किसी भी मानव शोध ने यह साबित नहीं किया है कि यह कैंसर का इलाज कर सकता है।

गुरुग्राम स्थित फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुमन एस कारंत ने भी यही बात दोहराई। उनका कहना है कि सॉरसोप के कुछ तत्वों को लैब में जानवरों के ऊतकों पर असर करते हुए दिखाया गया है, लेकिन इंसानों पर इसका कोई सबूत नहीं है। उन्होंने सॉरसोप में मौजूद एसिटोजिनिन नामक पदार्थ की मौजूदगी के कारण न्यूरोटॉक्सिसिटी और प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव की भी चेतावनी दी।

हालांकि कैंसर के इलाज का दावा भ्रामक हो सकता है, लेकिन सार्सोप अभी भी स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करता है। बैंगलोर के क्षेमवन योग और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की डॉ. शिल्पा एमआर बताती हैं:

* रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है:  इसमें मौजूद विटामिन-सी श्वेत रक्त कोशिकाओं को बढ़ाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।

* पाचन में सहायक:  उच्च मात्रा में फाइबर कब्ज से राहत दिलाता है।

* रक्तचाप को नियंत्रित रखता है:  पोटेशियम के कारण यह रक्तचाप को संतुलित रखता है।

* त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद:  विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट कोलेजन उत्पादन को बढ़ाते हैं।

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विशेषज्ञों के अनुसार, सार्सोप का अत्यधिक सेवन या दुरुपयोग नुकसान पहुंचा सकता है।

* न्यूरोटॉक्सिसिटी:  यह पार्किंसंस जैसी समस्याओं को बढ़ा सकती है।

* उल्टी और रक्तचाप में गिरावट:  अत्यधिक सेवन से ये लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं।

* एलर्जी:  कुछ लोगों को खुजली या चकत्ते हो सकते हैं।