IPO Alert: Crizac के IPO ने मचाई हलचल, 60 गुना सब्सक्राइब हुआ, क्या आपने मिस किया?

IPO Alert: Crizac के IPO ने मचाई हलचल, 60 गुना सब्सक्राइब हुआ, क्या आपने मिस किया?
IPO Alert: Crizac के IPO ने मचाई हलचल, 60 गुना सब्सक्राइब हुआ, क्या आपने मिस किया?

IPO Alert: B2B एजुकेशन प्लेटफॉर्म Crizac Limited का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) निवेशकों के बीच धूम मचा रहा है। तीसरे दिन शाम 4:30 बजे तक यह IPO 59.60 गुना सब्सक्राइब हो चुका है। ग्रे मार्केट में भी इस IPO को लेकर काफी उत्साह है। आइए जानते हैं इस IPO की अहम जानकारियां।

क्रिज़ैक आईपीओ: सदस्यता स्थिति

क्रिज़ैक का आईपीओ 2 जुलाई से 4 जुलाई 2025 तक खुला था। तीसरे दिन शाम 4:30 बजे तक आईपीओ को निम्नलिखित प्रतिक्रिया मिली

योग्य संस्थागत क्रेता (क्यूआईबी): 50% शेयर आरक्षित था, जिसे 0.14 गुना भरा गया।

गैर-संस्थागत निवेशक (एनआईआई): 15% हिस्सा आरक्षित था, जिसे 76.02 गुना अभिदान मिला।

खुदरा निवेशक: 35% हिस्सा आरक्षित था, जो 9.86 गुना भरा गया।

इस आईपीओ का आवंटन 7 जुलाई, 2025 को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है और शेयर 9 जुलाई, 2025 को बीएसई और एनएसई पर सूचीबद्ध होंगे।

ग्रे मार्केट में उत्साह

ग्रे मार्केट में क्रिज़ैक के शेयर 41 के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं। आईपीओ का अपर प्राइस बैंड 245 है, जिसके हिसाब से शेयर 286 के आसपास लिस्ट हो सकते हैं, यानी 17% का प्रीमियम। इससे पता चलता है कि इस आईपीओ को लेकर निवेशकों में काफी उत्साह है।

क्रिज़ैक के व्यवसाय के बारे में जानें

2011 में स्थापित क्रिज़ैक लिमिटेड एक B2B शिक्षा मंच है जो यूके, कनाडा, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्र भर्ती समाधान प्रदान करता है। कंपनी की खूबियों में निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं।

वैश्विक नेता: छात्र भर्ती में अग्रणी नाम।

मजबूत नेटवर्क: 10,000+ एजेंट और 75+ देशों में उपस्थिति।

प्रौद्योगिकी: स्वामित्व प्रौद्योगिकी मंच के साथ कुशल प्रबंधन।

वृद्धि: वित्त वर्ष 23-25 ​​में राजस्व में 34% सीएजीआर और लगातार बढ़ता मुनाफा।

विविधीकरण: B2C मॉडल में प्रवेश और AI-आधारित प्रौद्योगिकी उन्नयन।

जोखिम

क्रिज़ैक के व्यवसाय में कुछ जोखिम भी हैं।

विशिष्ट विश्वविद्यालयों पर निर्भरता: कंपनी का राजस्व काफी हद तक कुछ विश्वविद्यालयों पर निर्भर है।

एजेंट नेटवर्क: एजेंटों के नेटवर्क पर अत्यधिक निर्भरता, जो पीछे छूट जाने पर हानिकारक हो सकती है।

भौगोलिक सीमा: राजस्व मुख्य रूप से कुछ देशों पर निर्भर है।

विश्वविद्यालय की गुणवत्ता: कंपनी का प्रदर्शन उसके साझेदार संस्थानों की गुणवत्ता पर निर्भर करता है।