
पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत की निर्णायक जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तान में सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के सबसे बड़े आतंकी प्रशिक्षण शिविरों में से एक को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। आज आलम यह है कि जिस जगह पर कभी आतंकवादियों को तैयार किया जाता था और प्रशिक्षण दिया जाता था, वह अब एक सुनसान और ‘भूतिया कैंपस’ बनकर रह गई है – इतनी वीरान कि खुद गूगल भी अब उसकी पिछली गतिविधियाँ नहीं दिखाता।
यह भारत की एक बड़ी जीत है, जो दिखाती है कि आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति कैसे काम करती है। खुफिया सूत्रों और सैटेलाइट इमेजरी (जैसे Google Earth/Maps) से स्पष्ट दिखता है कि बालाकोट (Balakot) में जैश के इस बड़े ठिकाने पर बनी इमारतों और अन्य बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुँचाया गया है। जो विशाल इमारतें और गतिविधियाँ पहले इन इमेजेस पर साफ दिखती थीं, वे अब गायब हैं, या तो वे खंडहर में बदल चुकी हैं या पूरी तरह से वीरान हैं।
माना जा रहा है कि भारत द्वारा की गई कड़ी एयरस्ट्राइक (बालाकोट एयरस्ट्राइक) का यह सीधा नतीजा है। इस कार्रवाई ने जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों की कमर तोड़ दी है और उन्हें नए आतंकी तैयार करने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय दबाव और अपनी ज़मीन से आतंकवाद के पनपने के प्रति दुनिया के बढ़ते विरोध के कारण भी पाकिस्तान जैश को पूरी तरह से फिर से सक्रिय करने में विफल रहा है।
इस ‘घोस्ट कैंपस’ (Ghost Campus) का बनना न केवल जैश के लिए एक बड़ी निराशा है, बल्कि यह पाकिस्तान पर अपनी ज़मीन से आतंकवाद को खत्म करने के लिए भारत के दबाव का एक ठोस प्रमाण भी है। यह घटना भारतीय सुरक्षा एजेंसियों और सशस्त्र बलों की दृढ़ता और प्रभावी योजना का एक प्रतीक है, जिसने दुश्मन के ठिकानों को सिर्फ तबाह ही नहीं किया, बल्कि उन्हें इतना निष्क्रिय कर दिया कि वे भविष्य में आतंकवाद के लिए इस्तेमाल न हो सकें।