3 अप्रैल को ताइवान में आए विनाशकारी भूकंप में कम से कम 10 लोग मारे गए और एक हजार से अधिक घायल हो गए। भूकंप के बाद बचावकर्मी लापता लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं. ताइवान में बुधवार को आया भूकंप पिछले 25 साल का सबसे शक्तिशाली भूकंप माना जा रहा है. इसमें कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं. कई जगहों से चट्टानें खिसकने और भूस्खलन की भी खबरें हैं. बचावकर्मी ड्रोन और हेलीकॉप्टरों की मदद से लोगों की तलाश कर रहे हैं। इस दौरान दो भारतीयों समेत कई लोगों के लापता होने की खबर है. हालांकि, दोनों भारतीय पूरी तरह से सुरक्षित हैं। यह जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई है।
भारतीय सुरक्षित हैं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने अपनी साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा, “भूकंप के बाद हम दो लोगों से संपर्क स्थापित नहीं कर सके, लेकिन अब हमने संपर्क स्थापित कर लिया है, दोनों सुरक्षित हैं।” भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ताइवान में भूकंप से प्रभावित लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त की। ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने भी ‘चुनौतीपूर्ण समय’ के दौरान समर्थन के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया।
‘समर्थन के लिए आभारी’
राष्ट्रपति साई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हम इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान आपके दयालु शब्दों और समर्थन के लिए बहुत आभारी हैं। “आपने जो एकजुटता दिखाई है वह ताइवान के लोगों के लिए बहुत मायने रखती है क्योंकि हम सभी स्थिति को सामान्य करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं।”
पीएम मोदी ने जताया शोक
‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा, “ताइवान में भूकंप के कारण जानमाल के नुकसान से गहरा दुख हुआ। शोक संतप्त परिवारों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।” उन्होंने कहा, ”हम ताइवान के लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं क्योंकि वे भूकंप के बाद की स्थिति से निपट रहे हैं और उससे उबरने की कोशिश कर रहे हैं।”
इंडिया ताइपे एसोसिएशन ने भी शोक व्यक्त किया
इंडिया ताइपे एसोसिएशन ने भी भूकंप पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है. भारत ने दोनों पक्षों के बीच संवाद को बढ़ावा देने और व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से 1995 में ताइपे में ‘इंडिया ताइपे एसोसिएशन’ की स्थापना की। भारत-ताइपे एसोसिएशन सभी कांसुलर और पासपोर्ट सेवाएं प्रदान करने के लिए अधिकृत है। 1995 में ही ताइवान ने दिल्ली में ताइपे आर्थिक एवं सांस्कृतिक केंद्र की भी स्थापना की।