कभी अपने हथियारों पर हँसने वाला भारत, अब दुनिया को कर रहा है हैरान!

कभी अपने हथियारों पर हँसने वाला भारत, अब दुनिया को कर रहा है हैरान!
कभी अपने हथियारों पर हँसने वाला भारत, अब दुनिया को कर रहा है हैरान!

एक वक्त था जब भारत अपनी खुद की बनाई बंदूकों और सैन्य उपकरणों को देखकर उपहास का पात्र बनता था। देश में रक्षा उत्पादन की क्षमताएँ सीमित थीं, और हम अपनी सुरक्षा ज़रूरतों के लिए बड़े पैमाने पर दूसरे देशों पर निर्भर थे। भारतीय सेना के जवान भी कई बार मजाक में अपने देश में बने हथियारों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते थे, जो आयातित हथियारों के मुकाबले कमतर माने जाते थे। लेकिन आज यह तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है!

पिछले कुछ सालों में ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहल के तहत रक्षा क्षेत्र में एक अभूतपूर्व क्रांति आई है। भारत अब सिर्फ आयात करने वाला नहीं, बल्कि अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों, टैंकों, मिसाइलों, पनडुब्बियों और युद्धपोतों का निर्माण करने वाला एक प्रमुख देश बन गया है। हम न केवल अपनी ज़रूरतों को पूरा कर रहे हैं, बल्कि अब दूसरे देशों को भी उच्च गुणवत्ता वाले रक्षा उपकरण निर्यात कर रहे हैं।

आज, जब दुनिया के कई देश हथियारों के लिए भारत की ओर देख रहे हैं, तो यह हमारे लिए गर्व का क्षण है। भारत की बढ़ती सैन्य और उत्पादन क्षमता को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है। हमारे बनाए फाइटर जेट ‘तेजस’, ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें, ‘आत्मनिर्भर’ तोपें और आधुनिक पनडुब्बियां दुनिया भर में अपनी धाक जमा रही हैं। रक्षा क्षेत्र में हुए इस परिवर्तन ने न केवल हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत किया है, बल्कि लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा किए हैं।

पहले जहां हमें छोटे से छोटे उपकरण के लिए भी विदेशी धरती की ओर देखना पड़ता था, अब वही देश हमसे रक्षा उत्पाद खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। यह एक ऐसे देश की यात्रा है जो कभी अपनी खुद की क्षमताओं पर हँसता था, और आज आत्मविश्वास के साथ वैश्विक शक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है। भारत की यह नई पहचान केवल हथियारों के ढेर से नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान, नवाचार और आत्मनिर्भरता के बल पर बनी है।