
जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता है, तो इसका असर न केवल सीधे तौर पर जुड़ी सीमाओं पर, बल्कि पड़ोसी देशों से लगी अन्य संवेदनशील सीमाओं पर भी देखने को मिलता है। नेपाल, जिसकी एक लंबी और खुली सीमा भारत से लगती है, ऐसे समय में विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाता है। हालिया भारत-पाकिस्तान तनाव को देखते हुए, नेपाल से लगी भारतीय सीमा पर सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं और किसी भी अप्रिय घटना या घुसपैठ की आशंका को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही हैं।
नेपाल सीमा पर क्यों बढ़ी चौकसी?
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खुली सीमा का दुरुपयोग: भारत और नेपाल के बीच खुली सीमा (Open Border) और वीज़ा-मुक्त आवाजाही की व्यवस्था है। इसका फायदा उठाकर असामाजिक तत्व, आतंकवादी या दुश्मन देशों के एजेंट अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर सकते हैं।
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तीसरे देश के नागरिकों की घुसपैठ: तनावपूर्ण माहौल में, पाकिस्तान या अन्य विरोधी ताकतों से जुड़े लोग नेपाल के रास्ते भारत में घुसने का प्रयास कर सकते हैं ताकि वे किसी बड़ी साजिश को अंजाम दे सकें।
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अतीत के अनुभव: पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब आतंकवादियों ने नेपाल सीमा का इस्तेमाल भारत में घुसपैठ के लिए किया है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम: ड्रोन से लेकर डॉग स्क्वाड तक
नेपाल सीमा पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सुरक्षा बल, जैसे सशस्त्र सीमा बल (SSB), स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। निम्नलिखित प्रमुख उपाय किए जा रहे हैं:
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संदिग्धों की सघन चेकिंग: सीमावर्ती चौकियों और प्रमुख मार्गों पर आने-जाने वाले हर व्यक्ति और वाहन की गहन तलाशी ली जा रही है। संदिग्ध व्यक्तियों से कड़ी पूछताछ की जा रही है और उनकी पहचान सत्यापित की जा रही है।
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ड्रोन से निगरानी: संवेदनशील इलाकों, नदी-नालों और घने जंगलों वाले क्षेत्रों में ड्रोन कैमरों की मदद से 24×7 हवाई निगरानी की जा रही है। इससे उन जगहों पर भी नजर रखी जा सकती है जहां इंसानी गश्त मुश्किल होती है।
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अतिरिक्त बल की तैनाती: महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा बलों की अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं और गश्त बढ़ा दी गई है।
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खुफिया तंत्र सक्रिय: स्थानीय खुफिया इकाइयों को और अधिक सक्रिय कर दिया गया है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत मिल सके।
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डॉग स्क्वाड और नाइट विजन उपकरण: खोजी कुत्तों (डॉग स्क्वाड) की मदद ली जा रही है और रात के समय गश्त के लिए नाइट विजन उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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नागरिकों से सहयोग की अपील: सीमावर्ती गांवों के निवासियों को भी सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की सूचना तुरंत सुरक्षा बलों को देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
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नेपाली समकक्षों के साथ समन्वय: भारतीय सुरक्षा एजेंसियां नेपाली सुरक्षा बलों के साथ भी समन्वय स्थापित कर रही हैं ताकि सीमा पार से होने वाली किसी भी अवैध गतिविधि को रोका जा सके।
क्या है उद्देश्य?
इन सभी सुरक्षा उपायों का मुख्य उद्देश्य है:
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किसी भी संभावित आतंकवादी घुसपैठ को रोकना।
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अवैध हथियारों, ड्रग्स या नकली मुद्रा की तस्करी पर अंकुश लगाना।
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सीमा पार से होने वाली किसी भी राष्ट्र-विरोधी गतिविधि को विफल करना।
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सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा बनाए रखना।