ज्योतिष शास्त्र, बृहत्संहिता में जल, अग्नि, वायु, आकाश और पृथ्वी के तत्वों के लिए अलग-अलग दिशाओं का उल्लेख किया गया है। ऐसा माना जाता है कि घर में कोई भी वस्तु रखते समय उसके वास्तु शास्त्र का ध्यान रखना चाहिए, नहीं तो घर में वास्तु दोष उत्पन्न होगा और घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ेगी। वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा जल तत्व की होती है। अगर घर में इस दिशा में वाटर पॉइंट, टैंक या पीने का पानी रखा हो तो घर में कभी भी परेशानी नहीं आती है। विपरीत दिशा में पानी रखने से घर में धन की हानि और रोग होते हैं। साथ ही माना जाता है कि इससे घर में रहने वालों की परेशानियां बढ़ जाती हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पानी रखने की सही जगह कौन सी है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के ईशान कोण में पानी की टंकी रखना शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार इस स्थिति में जल रखने से उत्तम धन की प्राप्ति होती है। इसके अलावा यह घर में तरक्की और समृद्धि भी लाता है।
उत्तर दिशा में पानी का टैंक या पीने का पानी रखने से घर में सुख-शांति बढ़ती है।
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पानी की टंकी को उत्तर और ईशान दिशा में रखने से परिवार के सदस्यों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। साथ ही घर का वातावरण शांत रहता है।
इन दिशाओं में न करें पानी का भंडारण –
– वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि पानी की टंकी या जल स्थान बनाने के लिए आग्नेय दिशा बिल्कुल भी उपयुक्त नहीं होती है। यह दिशा अग्नि की दिशा मानी जाती है, अग्नि और जल के संयोग से गंभीर वास्तु दोष हो सकते हैं।
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घर की दक्षिण दिशा में पानी की टंकी या भूमिगत टंकी नहीं होनी चाहिए। इससे परिवार में अशांति और अप्रत्याशित हानि होती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण-पश्चिम दिशा यानी नैऋत्य कोण में पानी की टंकी नहीं होनी चाहिए। इस स्थान पर पानी होने से घर के लोगों को बीमारियां लगती हैं और कर्ज भी बढ़ जाता है। ऐसे घरों में रहने वाले लोग मानसिक रोगों से भी ग्रसित हो सकते हैं।