चैत्र माह में देवी को नीम में वास दें, समृद्धि बढ़ाने का उपाय

हिंदू धर्म में चैत्र महीने को बहुत खास माना जाता है क्योंकि हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस महीने से नए साल की शुरुआत होती है। मां वैष्णा की स्तुति के लिए इस महीने में नवरात्रि का विशेष त्योहार भी आता है। चैत्र माह में गुड़ी पाड़ा उत्सव भी मनाया जाता है। मौसम की बात करें तो त्योहारों के बीच हमें मौसम में बदलाव भी देखने को मिलता है।

 इस मौसम में बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं

चैत्र माह में शीत ऋतु समाप्त हो जाती है और हम ग्रीष्म ऋतु की ओर बढ़ने लगते हैं। इस मौसम में मौसम में बदलाव के कारण कई लोग बीमार हो जाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इस मौसम में बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं, जिससे कई बीमारियों का खतरा रहता है। ऐसे में अगर आप अपनी सेहत को लेकर जरा भी लापरवाह हैं तो आपको खांसी, जुकाम, पेट दर्द, कब्ज, उल्टी, गले में खराश जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन चैत्र महीना सिर्फ त्योहारों तक ही सीमित नहीं है। प्रकृति ने हमें बीमारियों से बचने के कई उपाय भी दिए हैं। चैत्र माह में नीम पर चेचक और देवी दुर्गा का वास होता है। आइए जानते हैं चैत्र माह का धार्मिक महत्व और बीमारियों से बचने के उपाय।

 

माता शीतला और माता दुर्गा नीम के पेड़ पर निवास करती हैं।

नीम का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। नीम के पेड़ के धार्मिक महत्व की बात करें तो नीम के पेड़ में माता शीतला और माता दुर्गा का वास होता है। मंगलवार के दिन नीम के पेड़ की पूजा की जाती है। मंगलवार के दिन नीम के पेड़ को जल देने और चमेली के तेल का दीपक जलाने से सभी शारीरिक और मानसिक रोगों से राहत मिलती है। इसके अलावा हनुमान जी की कृपा भी आप पर बनी रहती है। अगर आप तमाम बीमारियों से बचने के लिए नीम का इस्तेमाल करते हैं तो नीम के औषधीय गुणों के साथ-साथ आपको देवी-देवताओं की कृपा भी मिलती है।

नीम के पेड़ पर जल चढ़ाकर उसकी पूजा करें

चैत्र मास में नीम के पेड़ की पूजा करने का विशेष महत्व है। आपको नीम के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए। इससे आप पर देवी की कृपा बनी रहेगी। इसके अलावा आपको शीतला माता के मंत्र- ॐ शीतला माताये नमः का जाप करना चाहिए। इससे चेचक माता आपकी सभी बीमारियों से मुक्त हो जाएगी और आपको स्वस्थ शरीर मिलेगा। इसके अलावा आपके जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है।