आईडीएफसी फर्स्ट बैंक: दिसंबर तिमाही के नतीजे और शेयर की स्थिति

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प्राइवेट सेक्टर के आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने दिसंबर तिमाही के नतीजे जारी किए हैं, जिसमें बैंक का मुनाफा 53 प्रतिशत घटकर 339 करोड़ रुपये रह गया है। बैंक ने बताया कि यह कमी कर्ज के प्रावधानों में वृद्धि के कारण हुई है। पिछले वर्ष की समान तिमाही में बैंक का मुनाफा 716 करोड़ रुपये था।

आमदनी में वृद्धि

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने शेयर बाजार को सूचित किया कि तिमाही के दौरान कुल आमदनी बढ़कर 11,123 करोड़ रुपये हो गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 9,396 करोड़ रुपये थी। बैंक की ब्याज आय तीसरी तिमाही में बढ़कर 9,343 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले 7,879 करोड़ रुपये थी।

परिसंपत्ति गुणवत्ता के मोर्चे पर, बैंक का ग्रॉस एनपीए अनुपात पिछले वर्ष के 2.04 प्रतिशत से सुधरकर 1.94 प्रतिशत हो गया है। नेट एनपीए या खराब ऋण घटकर 0.52 प्रतिशत रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के अंत में 0.68 प्रतिशत था।

हालांकि, कर को छोड़कर कुल प्रावधान एक साल पहले की तिमाही में 655 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,338 करोड़ रुपये हो गया है। दिसंबर तिमाही तक एनपीए पर प्रावधान कवरेज अनुपात 78.2 प्रतिशत था।

शेयर में गिरावट

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयर शुक्रवार को 62.27 रुपये पर बंद हुए, जो एक दिन पहले की तुलना में 1.32 प्रतिशत गिर गया। ट्रेडिंग के दौरान, शेयर 61.65 रुपये के निचले स्तर तक भी पहुंच गया। अप्रैल 2024 में शेयर का उच्चतम स्तर 86.08 रुपये था, जबकि 13 जनवरी 2025 को यह 59 रुपये के निचले स्तर पर आ गया।

शेयरहोल्डिंग पैटर्न

शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में पब्लिक शेयरहोल्डर्स की हिस्सेदारी 100 प्रतिशत है, जबकि प्रमोटर्स की हिस्सेदारी जीरो है। टाटा लार्ज एंड मिडकैप फंड के पास 11,41,62,843 शेयर या 1.56 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि एलआईसी की हिस्सेदारी 2.76 प्रतिशत है।