
Hope for good news: ट्रेन का टिकट कैंसिल कराने पर कटने वाला भारी-भरकम चार्ज हमेशा से हम सबको चुभता रहा है। कई बार तो यह चार्ज इतना ज्यादा होता है कि हमें बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन अब, करोड़ों रेल यात्रियों के लिए एक उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है।
संसद की एक स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee on Railways) ने रेलवे मंत्रालय से इस कैंसिलेशन चार्ज को “खत्म” करने या “बहुत कम” करने की जोरदार सिफारिश की है।
समिति ने ऐसा क्यों कहा?
समिति का मानना है कि जो यात्री अपनी यात्रा से काफी समय पहले (जैसे 48 घंटे या उससे भी पहले) अपना टिकट कैंसिल कराते हैं, उनसे इतना ज्यादा चार्ज वसूलना “अनुचित” और “गलत” है।
उनका तर्क बहुत सीधा है: जब कोई यात्री इतनी जल्दी टिकट कैंसिल करता है, तो रेलवे के पास उस खाली हुई सीट को किसी दूसरे जरूरतमंद यात्री को बेचने के लिए पर्याप्त समय होता है। ऐसे में रेलवे को कोई नुकसान नहीं होता, फिर भी यात्री से भारी जुर्माना वसूला जाता है। समिति ने इस बात पर भी गौर किया कि रेलवे ने टिकट कैंसिलेशन से करोड़ों रुपये की कमाई की है, जो यात्रियों पर एक बोझ की तरह है।
तो क्या अब कैंसिलेशन चार्ज नहीं लगेगा?
यहां यह समझना बहुत जरूरी है कि यह अभी सिर्फ एक सिफारिश है, कोई नया नियम नहीं है।
संसदीय समिति ने अपनी राय सरकार और रेलवे मंत्रालय के सामने रखी है। अब गेंद रेलवे मंत्रालय के पाले में है। मंत्रालय इस सिफारिश पर विचार करेगा और उसके बाद ही कोई अंतिम फैसला लेगा।