प्रयागराज, 04 मार्च (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में रखे गए मुरादाबाद के याची को राहत देते हुए उसे रिहा करने आदेश दिया है। साथ ही अधिनियम के तहत हिरासत में रखने के तीन दिसम्बर के आदेश को भी रद्द कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि हत्या की एक घटना के आधार पर याची को सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए हिरासत में रखने की जरूरत नहीं थी। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने कमलवीर सिंह की ओर से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
याची पर मुरादाबाद में हुई अनुज चौधरी की हत्या का आरोप लगाया गया था। उसका नाम जांच में सामने आया। इसके बाद उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। डीएम ने पुलिस रिपोर्ट के आधार पर 03 दिसम्बर 2023 को याची के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करते हुए उसे हिरासत में ले लिया। याची ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याची की ओर से कहा गया कि उसे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया। उसे कोई कानूनी सहायता नहीं दी गई। उसने जब अपने को हिरासत से स्वतंत्र करने का आवेदन दिया उसे भी खारिज कर दिया गया। इसके अलावा उसका नाम प्राथमिकी में दर्ज नहीं है। बाद में उसे एक षड़यंत्र के तहत फंसाया गया।