Heart Attack Symptoms: हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के शुरुआती लक्षण पहचानें, जानें जान बचाने का तरीका

Heart Attack Symptoms:  हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के शुरुआती लक्षण पहचानें, जानें जान बचाने का तरीका
Heart Attack Symptoms: हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के शुरुआती लक्षण पहचानें, जानें जान बचाने का तरीका

Cardiac Arrest Signs in Hindi: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और बदलती जीवनशैली में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। अक्सर लोग हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को एक ही समझ लेते हैं, जबकि दोनों में महत्वपूर्ण अंतर है और इनके शुरुआती संकेतों को समझना जान बचाने के लिए बेहद जरूरी है।

समझें हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का फर्क

हार्ट अटैक (दिल का दौरा) तब होता है जब दिल की मांसपेशियों तक खून पहुंचाने वाली किसी धमनी में रुकावट आ जाती है। यह रुकावट आमतौर पर फैट, कोलेस्ट्रॉल या अन्य पदार्थों के जमाव (प्लाक) के कारण होती है। खून का प्रवाह रुकने या कम होने से दिल के उस हिस्से की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है। हार्ट अटैक में आमतौर पर व्यक्ति होश में रहता है और उसे लक्षण महसूस होते हैं।

दूसरी ओर, कार्डियक अरेस्ट एक बिल्कुल अलग और ज़्यादा गंभीर स्थिति है।यह तब होता है जब दिल का इलेक्ट्रिकल सिस्टम अचानक काम करना बंद कर देता है, जिससे दिल की धड़कनें रुक जाती हैं। इससे शरीर के बाकी हिस्सों, खासकर मस्तिष्क तक खून का संचार तुरंत बंद हो जाता है। कार्डियक अरेस्ट में व्यक्ति अचानक गिर पड़ता है, उसकी सांसें रुक जाती हैं और पल्स महसूस नहीं होती।यह एक जीवन घातक आपातकाल है।

हार्ट अटैक के शुरुआती संकेत: पहचानें ये लक्षण

हार्ट अटैक के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं, और महिलाओं में ये पुरुषों से थोड़े भिन्न भी हो सकते हैं। कुछ सामान्य शुरुआती लक्षण इस प्रकार हैं जिन्हें बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए:

  1. सीने में बेचैनी या दर्द: यह सबसे आम लक्षण है।सीने के बीच या बाईं ओर दबाव, जकड़न, भारीपन या तेज दर्द महसूस हो सकता है। यह दर्द कुछ मिनटों से ज़्यादा रह सकता है या आता-जाता रह सकता है। इसे अक्सर छाती पर कुछ भारी रखे होने जैसा महसूस होता है।

  2. दर्द का फैलना: सीने का दर्द बाहों (अक्सर बाईं), गर्दन, जबड़े, पीठ या पेट तक फैल सकता है।

  3. सांस लेने में तकलीफ: बिना किसी मेहनत के भी सांस फूलना या लेने में कठिनाई महसूस होना।

  4. पसीना आना: अचानक ठंडा पसीना आना, भले ही गर्मी न हो या कोई शारीरिक गतिविधि न की हो।

  5. मतली, उल्टी या पेट में दर्द: कुछ लोगों को पेट में गड़बड़ी या अपच जैसा महसूस हो सकता है।

  6. चक्कर आना या बेहोशी: अचानक कमजोरी महसूस होना, चक्कर आना या बेहोश होना।

  7. असामान्य थकान: बिना किसी वजह के बहुत ज़्यादा थकावट महसूस होना, खासकर महिलाओं में यह एक आम, लेकिन अनदेखा किया जाने वाला लक्षण है।

कार्डियक अरेस्ट के संकेत

कार्डियक अरेस्ट के लक्षण अचानक और नाटकीय होते हैं:

  • अचानक बेहोश होकर गिर पड़ना।

  • सांस न लेना या बहुत धीमी और असामान्य सांस लेना।

  • कोई पल्स (नाड़ी) महसूस न होना।

क्या करें अगर ऐसे लक्षण दिखें?

हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के लक्षण दिखने पर एक पल की भी देरी न करें।यह एक मेडिकल इमरजेंसी है।

  1. तुरंत आपातकालीन नंबर पर कॉल करें: बिना सोचे समझे 108 या अन्य स्थानीय आपातकालीन नंबर पर फोन करें।

  2. व्यक्ति को लिटा दें: अगर व्यक्ति होश में है, तो उसे आराम से लिटा दें।

  3. एस्पिरिन दें (यदि उपलब्ध हो और व्यक्ति को एलर्जी न हो): अगर डॉक्टर ने पहले एस्पिरिन लेने की सलाह दी है या व्यक्ति को इससे एलर्जी नहीं है, तो एक वयस्क एस्पिरिन चबाकर निगलने को दें। यह खून को पतला करने में मदद कर सकता है।

  4. सीपीआर शुरू करें (यदि आप प्रशिक्षित हैं): अगर व्यक्ति बेहोश है, सांस नहीं ले रहा है और उसकी पल्स नहीं है, तो तुरंत सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) शुरू करें जब तक मेडिकल मदद न आ जाए। सीपीआर सीखने से आप किसी की जान बचा सकते हैं।

  5. खुद ड्राइव न करें: अगर आपको लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो खुद गाड़ी चलाकर अस्पताल न जाएं। किसी और से मदद मांगें।

जोखिम कारक और बचाव

हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के जोखिम को बढ़ाने वाले कई कारक हैं, जैसे खराब जीवनशैली, अनहेल्दी खान-पान, तनाव, मोटापा, धूम्रपान, शराब, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज।

इनसे बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, नियमित व्यायाम करना, पौष्टिक भोजन खाना, तनाव कम करना,धूम्रपान और शराब से दूर रहना, और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना बहुत ज़रूरी है।समय पर पहचान और सही कदम उठाकर इन गंभीर स्थितियों से बचा जा सकता है या जोखिम को कम किया जा सकता है।