लेबनान में इजरायली हमले में मारे गए हिजबुल्लाह के दो शीर्ष नेताओं हसन नसरल्लाह और हाशिम सफीद्दीन के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही है, दोनों लगभग 2 महीने पहले आईडीएफ हमले में मारे गए थे।
दो महीने पहले इजरायली हमले में हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह और हाशिम सफीदीन मारे गए थे। लेकिन समूह अब इन दोनों नेताओं के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा है.
इजराइल ने लेबनान की राजधानी बेरूत में भूमिगत हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर बंकर बस्टर बम से हमला किया.
2 महीने बाद होगा अंतिम संस्कार
इस हमले के करीब एक हफ्ते बाद इजरायली सेना के एक अन्य हमले में नसरल्ला के कथित उत्तराधिकारी हाशिम सफेद्दीन भी मारे गये. इन दोनों नेताओं की मौत के लगभग दो महीने बाद हिजबुल्लाह उनके सार्वजनिक अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा है।
अंतिम संस्कार में देरी क्यों हुई?
दरअसल, 23 सितंबर से इजराइल ने लेबनान में ‘पूर्ण युद्ध’ की घोषणा कर दी और हमले शुरू कर दिए. कुछ दिनों बाद इज़रायली सेना ने ज़मीनी कार्रवाई शुरू की. इस बीच इजरायली सेना बेरूत समेत दक्षिण लेबनान पर लगातार बमबारी कर रही थी. इस वजह से हिजबुल्लाह नेता नसरल्लाह और हाशिम सफीदीन का अंतिम संस्कार नहीं हो सका.
सूत्रों के मुताबिक, उन्हें अस्थायी रूप से एक गुप्त स्थान पर दफनाया गया था क्योंकि हिजबुल्लाह को डर था कि सार्वजनिक रूप से अंतिम संस्कार करने पर इजरायली सेना उन्हें निशाना बना सकती है।
इस बीच हिजबुल्लाह सूत्रों ने कहा कि जब देश में हालात थोड़े सुधरेंगे तो संगठन के इन वरिष्ठ नेताओं का सार्वजनिक तौर पर अंतिम संस्कार किया जाएगा. अब जब लेबनान में युद्धविराम की घोषणा कर दी गई है, तो हिजबुल्लाह ने हसन नसरल्लाह और उनके कथित उत्तराधिकारी हाशिम सफ़ीद्दीन के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी है।
हिजबुल्लाह ने जीत का दावा किया
हिजबुल्लाह की राजनीतिक परिषद के उप प्रमुख महमूद कामती ने कहा है कि नसरल्लाह और सफीद्दीन के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही है। बेरूत स्थित अल-मायादीन न्यूज नेटवर्क की रिपोर्ट के अनुसार, कामती ने दावा किया कि लेबनान का हिजबुल्लाह प्रतिरोध आंदोलन न केवल लेबनान से बल्कि पूरे पश्चिम एशिया से यहूदी शासन के आक्रमण को विफल करने में सफल रहा है।
अंतिम यात्रा के जरिए दिखाएंगे ताकत?
कामती ने लेबनान की धरती पर लगातार दो महीने से चल रहे युद्ध में जीत का दावा करते हुए कहा है कि उनकी जीत अरब देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि नसरल्लाह और सफीद्दीन की अंतिम यात्रा प्रतिरोध मोर्चे के समर्थन में एक लोकप्रिय और राजनीतिक जनमत संग्रह के रूप में काम करेगी। यानी 2 महीने बाद हिजबुल्लाह इन दोनों महान नेताओं के अंतिम संस्कार के जरिए लेबनान में ताकत दिखाएगा.