चंडीगढ़, 29 मार्च (हि.स.)। प्रदेश के साढ़े चार हजार निजी स्कूलों पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। नेशनल इंडिपेडेंट स्कूल्स अलायंस (निसा) ने प्रदेश की अफसरशाही की कार्यशैली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राज्य के इन स्कूलों को बंद होने से बचाने के लिए निसा कोर्ट की शरण लेगी।
शुक्रवार को नेशनल इंडिपेडेंट स्कूल्स अलायंस (निसा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कुलभूषण शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि शिक्षा में अहम भूमिका निभाने वाले प्राइवेट स्कूल्स अफसरशाही की गलत नीतियों का शिकार हो रहे हैं। यह स्कूल बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। शर्मा ने कहा कि गलत नीतियों के कारण हजारों की संख्या में प्राइवेट स्कूल्स और उनसे जुड़े एक लाख अध्यापक और क्लास फोर कर्मचारी का भविष्य अंधकारमय हो गया है। शर्मा ने कहा कि सरकार कहती है कि वह दो पारियों में स्कूल चला लेंगे।
उन्होंने कहा कि सच्चाई है कि अनेक सरकारी स्कूल इस तरह के हैं, जिनमें सिर्फ एक कमरा है। तमाम सरकार स्कूली में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। एक तरफ सरकार कहती है कि वह बंद होने वाली निजी स्कूलों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ा लेगी।
हिसार के संतोष भार्गव ने कहा कि गलत निर्णयों के कारण शिक्षा के क्षेत्र में अराजकता का माहौल बन गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को चाहिए कि वह इस पूरे मामले में संज्ञान लेकर मामले को हल करने की दिशा में कार्रवाई करें। हरियाणा में अफसरशाही पर लगाम कसे जाने की जरूरत है। जिन लोगों ने इस मामले में गलत एफिडेविट दिया है उस पर सरकार संज्ञान ले।