गाजा का अल-शिफा अस्पताल एक बार फिर इजरायली हमले से दहल गया है. इसके बाद सीजफायर को लेकर चल रही बातचीत एक बार फिर विफल होने का खतरा मंडरा रहा है. इज़रायली सेना ने एक बयान में कहा कि वह गाजा में एक चिकित्सा सुविधा पर “सटीक ऑपरेशन” कर रही थी। इजरायली सेना के इस हमले के बाद हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानियेह ने चेतावनी दी कि इजरायल युद्धविराम के लिए बातचीत को विफल करने की कोशिश कर रहा है.
उन्होंने आगे कहा, हम फिलिस्तीनी लोगों की मांगों को माने बिना कोई युद्धविराम समझौता नहीं करेंगे. गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विस्थापित नागरिकों, घायल मरीजों और अस्पताल के कर्मचारियों सहित लगभग 30,000 लोग अल-शिफा परिसर में फंसे हुए थे। इजरायली सेना ने दावा किया है कि हमास के लड़ाके अल-शिफा अस्पताल के अंदर फिर से इकट्ठा हो गए हैं और इजरायल पर हमलों के लिए आदेश देने के लिए अस्पताल परिसर का उपयोग कर रहे हैं।
हनियेह ने इजरायली कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इजरायल का यह कदम दिखाता है कि वे गाजा के लोगों का जीवन सामान्य नहीं होने देना चाहते. यह हमला ज़ायोनीवादियों की ग़ज़ावासियों की बुनियादी ज़रूरतों को नष्ट करने की मंशा को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा, गाजा में पुलिस अधिकारियों और सरकारी अधिकारियों को जानबूझकर निशाना बनाना हमारे लोगों के बीच अराजकता फैलाने और हिंसा को कायम रखने के इजरायल के प्रयासों को दर्शाता है।
रमज़ान के महीने से पहले हुई शांति वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकला. अमेरिका, क़तर और मिस्र की कोशिशों के बावजूद हमास और इसराइल के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई. युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के लिए एक बार फिर इजरायली प्रतिनिधिमंडल सोमवार को कतर पहुंचा. अल-शिफा पर इजरायल के हमले का इस वार्ता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, क्योंकि हमास शुरू से ही कहता रहा है कि वह गाजा के लोगों की संप्रभुता से समझौता करके कोई समझौता नहीं करेगा.