गुरुग्राम, 23 नवंबर (हि.स.)। जीडी गोयनका विश्वविद्यालय ने शनिवार को अपना 10वां दीक्षांत समारोह मनाया गया। इस समारोह में मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, सम्मानित अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी. के. सिंह रहे। दोनों अतिथियों ने अपनी शुभकामनाओं के साथ 1491 स्नातकों को डिग्री वितरित की।
समारोह में आईटीसी लिमिटेड के पूर्व कार्यकारी निदेशक नकुल आनंद को डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (हॉनरिस कौसा) की उपाधिक प्रदान की गई। अपने संबोधन में गजेंद्र सिंह शेखावत ने स्नातकों से सामाजिक लाभ के लिए अपने ज्ञान का उपयोग करने का आग्रह करते हुए कहा कि आप सभी ने अपने और अपने माता-पिता दोनों के सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत की है। आप वे छात्र हैं जो 2047 में भारत को बदल देंगे। हम सभी भारत के अमृत काल में हैं।
छात्रों को बधाई देते हुए जनरल वीके सिंह ने कहा कि मैं सभी स्नातक छात्रों को बधाई देना चाहता हूं। शिक्षा आपको तीन आवश्यक चीजें प्रदान करती है-ज्ञान और कौशल, विवेक और दूसरों का मार्गदर्शन करने की क्षमता। संस्थान छोडऩे के बाद आपको इस बात पर भरोसा करना चाहिए कि आपने क्या सीखा है। आपने जो नींव बनाई है, यदि वह मजबूत है तो आप चुनौतियों से सफलतापूर्वक पार पा सकेंगे। प्रो. (डॉ.) किम मेनेजेस ने कहा कि यह अपने अल्मा मेटर की विरासत को आगे बढ़ाते हुए दुनिया में कदम रखने वाले स्नातकों के एक और समूह को देखना बहुत गर्व का क्षण है। कार्यक्रम का समापन कुलसचिव प्रो. (डॉ.) अनुराधा आर तिवारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
जीडी गोयनका समूह के प्रबंध निदेशक निपुण गोयनका ने कहा कि आज हमारे छात्रों के जीवन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण इस उपलब्धि के क्षण में समाप्त हुआ है। जैसे ही वे पेशेवर दुनिया में कदम रखेंगे। उन्हें विश्वास है कि वे उन मूल्यों और उत्कृष्टता को बनाए रखेंगे, जिनके लिए विश्वविद्यालय खड़ा है। कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय के मेधावी स्नातकों को पीएचडी, परास्नातक, स्नातक और अन्य डिग्री प्रदान की गईं। और प्रो-चांसलर और कुलपति द्वारा डिग्री के रिकॉर्ड पर हस्ताक्षर किए गए।