GST Rules are More Strict : 3 साल में ITC खत्म और फाइलिंग बंद, कारोबारी ऐसे रखें तैयारी

GST Rules are More Strict : 3 साल में ITC खत्म और फाइलिंग बंद, कारोबारी ऐसे रखें तैयारी
GST Rules are More Strict : 3 साल में ITC खत्म और फाइलिंग बंद, कारोबारी ऐसे रखें तैयारी

News India Live, Digital Desk:  GST Rules are More Strict : जुलाई का महीना आते ही भारतीय व्यापार जगत के लिए एक बड़ा बदलाव आने वाला है! वस्तु एवं सेवा कर (GST) के नियमों में कुछ महत्वपूर्ण संशोधन होने जा रहे हैं, जो खासकर व्यापारियों और कारोबारियों को सीधे प्रभावित करेंगे। ये नए नियम टैक्स फाइलिंग और इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम से जुड़े हैं, और अब गलती या देरी की गुंजाइश पहले से बहुत कम होगी।

मुख्य बदलाव जो आपको जानने चाहिए:

  1. 3 साल बाद ‘आईटीसी क्लेम’ नहीं:
    यह सबसे बड़ा बदलाव है! अब कोई भी व्यापारी या व्यवसायी 3 साल से ज़्यादा पुराने इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा नहीं कर पाएगा। आईटीसी वो टैक्स होता है जो आपने खरीदारी पर दिया है और जिसकी वापसी आप अपनी बेची हुई चीज़ों पर लगने वाले जीएसटी से सेट ऑफ (offset) करके ले सकते हैं। अभी तक यह समय सीमा 5 साल की थी, जिसे घटाकर अब 3 साल कर दिया गया है।

    • इसका मतलब: अगर आपने कोई खरीदारी जुलाई 2024 में की है, तो आप उस पर दिए गए जीएसटी का क्रेडिट केवल जुलाई 2027 तक ही क्लेम कर पाएंगे। यह व्यापारियों को और अधिक व्यवस्थित और समय पर अपने दस्तावेज़ों को रखने के लिए प्रेरित करेगा।

  2. 3 साल बाद ‘लेट फाइलिंग’ भी मुश्किल:
    दूसरा अहम बदलाव जीएसटीआर-1 (GSTR-1) और जीएसटीआर-3बी (GSTR-3B) रिटर्न की देरी से फाइलिंग से संबंधित है। अभी तक आप सालों पुराने रिटर्न भी जुर्माने के साथ फाइल कर सकते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

    • इसका मतलब: यदि आपने किसी महीने का GSTR-1 या GSTR-3B रिटर्न 3 साल तक दाखिल नहीं किया है, तो आप उसके बाद उसे फाइल नहीं कर पाएंगे।

    • परिणाम: अगर आप तय सीमा के अंदर रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं, तो आपको आईटीसी का लाभ नहीं मिल पाएगा और आपके ग्राहक को भी आप परचेज़ का क्रेडिट नहीं दे पाएंगे। यह व्यापार में आगे की चेन को भी प्रभावित करेगा और वित्तीय अनुशासन बढ़ाएगा।

ये बदलाव इसलिए लाए जा रहे हैं ताकि जीएसटी प्रणाली को और अधिक पारदर्शी, अनुशासित और धोखाधड़ी-मुक्त बनाया जा सके। यह सरकार के वित्तीय लेनदेन को सरल और कारगर बनाने के लक्ष्य का हिस्सा है।

व्यापारियों और कंपनियों के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि वे अपने रिकॉर्ड दुरुस्त रखें, फाइलिंग की डेडलाइन पर ख़ास ध्यान दें, और सभी आईटीसी दावों को समय पर पूरा करें। लापरवाही अब पहले से ज़्यादा महंगी पड़ सकती है! इन नियमों को समझें और उसी हिसाब से अपने बिजनेस ऑपरेशन को व्यवस्थित करें, ताकि जीएसटी से जुड़े नए नियमों का सही तरीके से पालन हो सके।

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