
अगर आप किसी भारतीय कंपनी में काम करते हैं और आपको तीन साल या उससे कम समय के लिए विदेश में काम करने के लिए भेजा जाता है, तो आपके लिए खुशखबरी है! अब आपकी सामाजिक सुरक्षा का पैसा विदेश में नहीं, बल्कि भारत में आपके प्रोविडेंट फंड (PF) खाते में जमा होगा। ऐसा इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि भारत सरकार दूसरे देशों के साथ खास समझौते कर रही है। अब तक 22 देशों के साथ ऐसे समझौते हो चुके हैं और भारतीय कर्मचारियों को इसका लाभ मिलना शुरू हो गया है।
पुरानी व्यवस्था क्या थी?
पहले जिन देशों के साथ भारत का कोई समझौता नहीं था, वहां हर महीने पेंशन और ग्रेच्युटी के नाम पर भारतीय कर्मचारियों के वेतन से एक निश्चित राशि काट ली जाती थी। इस पैसे से कर्मचारियों को कोई खास फायदा नहीं होता था। इतना ही नहीं, जब कर्मचारी भारत लौटते थे, तो उनके वेतन से काटा गया यह पैसा भी वापस नहीं मिलता था। लेकिन अब यह स्थिति बदल गई है।
नई प्रणाली क्या है?
अब भारत सरकार ने 22 देशों के साथ समझौते किए हैं, जिससे कंपनियों को सोशल सिक्योरिटी का पैसा विदेश में जमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह रकम सीधे भारत में कर्मचारियों के पीएफ खाते में जमा होगी। इससे कर्मचारियों को उनके पैसे का पूरा लाभ मिलेगा। इसके अलावा भारत और ब्रिटेन के बीच भी इस तरह के समझौते पर सहमति बनी है, जो फ्री ट्रेड डील का हिस्सा है। अमेरिका के साथ हुए व्यापार समझौते में भी यह मुद्दा उठाया गया है।
सरकार की भविष्य की योजना
श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत जब भी किसी देश के साथ व्यापार समझौता करता है तो उसमें सामाजिक सुरक्षा का मुद्दा भी शामिल होता है। भारत सरकार उन सभी देशों के साथ समझौता करने की तैयारी कर रही है जहां भारतीय कर्मचारी काम करते हैं या भविष्य में काम करने जाएंगे।
क्या लाभ होगा?
इस नई व्यवस्था से भारतीय कर्मचारियों को उनके वेतन से कटने वाले पैसे के रूप में सीधा लाभ मिलेगा। उनके पीएफ खाते में जमा होने वाली राशि भविष्य में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगी। साथ ही, इससे कंपनियों को विदेशों में सामाजिक सुरक्षा अंशदान के भुगतान की जटिल प्रक्रिया से भी मुक्ति मिलेगी।
यह नया नियम भारतीय कर्मचारियों और कंपनियों दोनों के लिए फायदेमंद है। सरकार के इस कदम से विदेश में काम कर रहे भारतीयों को वित्तीय सुरक्षा मिलेगी और उनके भविष्य को लेकर चिंता कम होगी। भारत सरकार के ये प्रयास वैश्विक स्तर पर भारतीय कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने में अहम भूमिका निभाएंगे।