Germany Car Accident: म्यूनिख, जर्मनी – जर्मन पुलिस ने गुरुवार (13 फरवरी) को बताया कि 24 वर्षीय एक अफगान शरणार्थी ने म्यूनिख में ट्रेड यूनियन के प्रदर्शन के दौरान अपनी कार भीड़ में घुसा दी। इस भयावह घटना में कम से कम 28 लोग घायल हो गए, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। घायलों में से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। बवेरिया के गवर्नर ने इसे एक संभावित हमले के रूप में देखा है।
घटना का विवरण
यह घटना म्यूनिख के पास सुबह करीब 10:30 बजे हुई। पुलिस के अनुसार, 24 वर्षीय संदिग्ध, जो अफगान शरणार्थी बताया जा रहा है, को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। घटनास्थल पर बिखरी जूतियों और क्षतिग्रस्त कार के दृश्य ने इस त्रासदी की भयावहता को और बढ़ा दिया।
म्यूनिख फायर डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने बताया कि जब कार भीड़ में घुसी, तो लोग घबराकर पास की इमारतों में शरण लेने लगे। पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और जनता के लिए कोई अतिरिक्त खतरा नहीं है।
घटना का संभावित कारण
अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह एक आतंकी हमला था या सिर्फ एक दुर्घटना। हालांकि, संदिग्ध की पहचान फरहाद एन के रूप में हुई है, जो दिसंबर 2016 में शरणार्थी के रूप में जर्मनी आया था। सूत्रों के अनुसार, उसने इस घटना से पहले सोशल मीडिया पर इस्लामवादी सामग्री पोस्ट की थी, जिससे संभावित चरमपंथी हमले की आशंका जताई जा रही है।
सुरक्षा सम्मेलन से कोई संबंध नहीं
इस घटना से ठीक पहले जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (14-16 फरवरी, 2025) के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई थी। यह सम्मेलन दुनिया भर के शीर्ष विदेश और सुरक्षा नीति अधिकारियों को एक मंच प्रदान करता है। हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस हादसे का सम्मेलन से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है।
घटनास्थल का दृश्य
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, घटनास्थल पर क्षतिग्रस्त कार के साथ कई घायल लोग पड़े हुए थे, जिनके जूते और अन्य सामान बिखरे हुए थे। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस हादसे में एक महिला की मौत हो गई है, हालांकि पुलिस ने इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
आगे की जांच जारी
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं। संदिग्ध से पूछताछ की जा रही है और उसके सोशल मीडिया पोस्ट की समीक्षा की जा रही है। इस घटना ने जर्मनी में सुरक्षा उपायों और शरणार्थी नीति को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।