पाकिस्तानी अखबारों सेः इमरान की गिरफ्तारी के बाद उत्पन्न हालात से संबंधित खबरें छाईं

 

नई दिल्ली : गुरुवार को भी हमसाया मुल्क पाकिस्तान से छपे सभी अखबार पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई चेयरमैन इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद उत्पन्न हालात से संबंधित खबरों से भरे पड़े हैं। उनकी गिरफ्तारी के संबंध में सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि इमरान की गिरफ्तारी कानून के अनुसार है। अब अगर सेना पर हमला हुआ तो कड़ी प्रतिक्रिया आएगी। जो दुश्मन 75 साल में ना कर सके, सत्ता की लालसा में लिप्त गिरोह ने कर दिया। गिरफ्तारी के बाद सुनियोजित तरीके से आर्मी की संपत्तियों पर हमला कराया गया और सेना के खिलाफ नारेबाजी की गई। नौ मई का दिन इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा। हमने साजिश को नाकाम बना दिया है।

वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि इमरान खान ने देश से दुश्मनी का ना-काबिले माफी जुर्म किया है, हिंसा करने वालों के साथ कड़ाई से निपटा जाएगा। राजनीति में बदले की कार्रवाइयों का कभी अच्छा अंजाम नहीं होता। पीटीआई दौर पाकिस्तान के इतिहास का काला दौर था।

इन्हीं खबरों के साथ अलकदीर ट्रस्ट केस में इमरान खान को 8 दिवसीय रिमांड पर भेजे जाने को भी जोड़ा गया है। तोशाखाना केस में उनके विरुद्ध अदालत में आरोप तय किया गया है। अखबारों ने लिखा है कि इमरान की गिरफ्तारी को लेकर देशभर में हंगामा जारी है। फायरिंग में 9 लोग मारे गए हैं। पीटीआई नेता असद उमर और फव्वाद चौधरी समेत सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

सरकारी और प्राइवेट स्कूल कॉलेज को 2 दिन और बंद कर दिया गया है। पेशावर में रेडियो पाकिस्तान के भवन में आग लगा दी गई है और लाहौर में पथराव किया गया है जिसमें डीआईजी ऑपरेशन घायल हो गए हैं। हालात पर काबू पाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और इस्लामाबाद में सेना की तैनाती को मंजूरी दे दी है।

इमरान की गिरफ्तारी पर नेताओं की प्रतिक्रिया को भी अखबारों ने जगह दी है। पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा है कि इमरान को डरना या भागना नहीं चाहिए, बल्कि अदालतों का सामना करना चाहिए। पीडीएम चेयरमैन मौलाना फजलुर्रहमान का कहना है कि इमरान को विदेशी ताकतों ने पाकिस्तान की सियासत में इंजेक्ट किया है। सरकारी दफ्तरों पर हमला करने वालों के खिलाफ बिना समय गवाएं कार्रवाई की जानी चाहिए।

पीटीआई द्वारा इमरान की रिहाई तक देशव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी रखने के ऐलान को भी अखबारों ने महत्व दिया है। पीटीआई नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं से कानून हाथ में ना लेने और शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने की अपील की है। उनका कहना है कि विरोध प्रदर्शन करना कानूनी और संवैधानिक हक है। अखबारों ने इमरान खान का एक बयान भी छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि यह इंजेक्शन लगाते हैं और बंदा आहिस्ता-आहिस्ता मर जाता है।

पीटीआई नेताओं की ऑडियो लीक होने की भी खबरें हैं। अब तक 5 ऑडियो लीक हुई है जिसमें कोर कमांडर हाउस पर हमले का भी जिक्र है। इमरान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में इंटरनेट सर्विस अनिश्चितकाल के लिए बंद की गई है। पीटीआई का कहना है कि गृह मंत्रालय के आदेश पर यह पाबंदी लगाई गई है।

अमेरिका ने इमरान खान की गिरफ्तारी पर संतुलित बयान देते हुए कहा है कि वह किसी व्यक्ति या राजनीतिक पार्टी का समर्थन नहीं करते। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इमरान की गिरफ्तारी को पाकिस्तान का अंदरूनी मामला करार दिया है।

इमरान की गिरफ्तारी के बाद डॉलर की इंटरबैंकिग की कीमत में जबरदस्त उछाल आया है। एक दिन में 5 रुपये 38 पैसे महंगा हो गया है। सोने की कीमत में भी 9900 प्रति तोला की वृद्धि हुई है। यह सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा दुनिया, रोजनामा एक्सप्रेस, रोजनामा जंग और रोजनामा औसाफ आदि ने अपने पहले पन्ने पर प्रकाशित की हैं।

रोजनामा जंग ने कराची मलीर जेल से 199 भारतीय मछुआरों और एक आम भारतीय नागरिक समेत 200 कैदियों को रिहा किए जाने की खबर दी है। इन सभी रिहा हुए कैदियों को ईधी फाउंडेशन पाकिस्तान के चेयरमैन फैसल ईधी के निर्देश पर कैंट स्टेशन से अल्लामा इकबाल एक्सप्रेस के जरिए लाहौर वाघा बॉर्डर तक पहुंचाया गया है। वहां पर उन्हें भारतीय सैन्य अधिकारियों के हवाले किया गया है।

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