मुफ़्त यूनिवर्सिटी वाले देश: यूरोप में उच्च शिक्षा के बेहतरीन अवसर हैं, क्योंकि यहाँ कई देशों में शिक्षा मुफ़्त में दी जाती है। मुफ़्त शिक्षा से हमारा मतलब है कि कई देशों की सार्वजनिक या सरकारी यूनिवर्सिटी में कोई ट्यूशन फ़ीस नहीं है। सबसे खास बात यह है कि इन देशों में मुफ़्त में पढ़ाई करने का मौक़ा सभी देशों के नागरिकों को दिया जाता है, जिसका फ़ायदा भारतीय छात्र भी उठा सकते हैं। इन देशों की यूनिवर्सिटी भी टॉप संस्थानों की लिस्ट में शामिल हैं।
कुछ ऐसे देश हैं जहाँ यूरोपीय छात्रों के लिए कोई ट्यूशन फीस नहीं है, लेकिन दूसरे देशों के छात्र मामूली फीस देकर पढ़ाई कर सकते हैं। यूरोप में मुफ़्त या कम फीस वाली यूनिवर्सिटी होने की वजह से विदेशी छात्र कई देशों में पढ़ने जाते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि इससे छात्रों पर पैसों का बोझ नहीं पड़ता। उन्हें विदेश में पढ़ाई करने के लिए भारी भरकम लोन नहीं लेना पड़ता। आइए जानते हैं किन देशों में मुफ़्त में शिक्षा दी जाती है।
जर्मनी
जर्मनी के ज़्यादातर सरकारी विश्वविद्यालय विदेशी छात्रों से किसी भी तरह की ट्यूशन फ़ीस नहीं लेते, चाहे वे किसी भी देश के हों। यह बात स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों पर लागू होती है। जर्मनी में 15 हज़ार भारतीय छात्र भी पढ़ रहे हैं। धीरे-धीरे ज़्यादा छात्र यहाँ पढ़ाई के लिए आ रहे हैं। (पेक्सेल्स)
फिनलैंड
2017 तक फिनलैंड में विदेशी छात्रों को अंग्रेजी में पढ़ाए जाने वाले बैचलर और मास्टर प्रोग्राम के लिए कोई फीस नहीं देनी पड़ती थी। हालांकि, अब यह सुविधा बंद कर दी गई है। लेकिन पीएचडी प्रोग्राम की पढ़ाई अभी भी यहां मुफ्त में होती है। कुछ यूनिवर्सिटी में बैचलर और मास्टर के लिए स्कॉलरशिप भी दी जाती है। (पेक्सेल्स)
आइसलैंड
छोटे से यूरोपीय देश आइसलैंड में सरकारी विश्वविद्यालयों में कोई ट्यूशन फीस नहीं है। यहाँ रजिस्ट्रेशन फीस बहुत कम है। आइसलैंड में कुल सात विश्वविद्यालय हैं, जिनमें से चार सरकारी और तीन निजी हैं। (पेक्सेल्स)
चेक रिपब्लिक
मध्य यूरोप में स्थित चेक गणराज्य में अगर कोई छात्र चेक भाषा में पढ़ाई कर रहा है तो उससे किसी भी तरह की फीस नहीं ली जाती। फिर चाहे वह किसी भी देश का नागरिक क्यों न हो। हालांकि अंग्रेजी में पढ़ाए जाने वाले कोर्स के लिए फीस देनी पड़ती है। (पेक्सेल्स)
नॉर्वे
नॉर्वे के सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में सभी छात्रों को मुफ़्त में पढ़ने का अवसर मिलता है। यह नीति स्नातक, परास्नातक और पीएचडी तीनों कार्यक्रमों पर लागू होती है। नॉर्वे में नौकरी के भी बहुत सारे अवसर हैं, जिनका छात्र आसानी से लाभ उठा सकते हैं। (पेक्सेल्स)